- 200 करोड़ रूपये पायेंगे। अताप के विस्थापित।
- 18 वें दिन समाप्त हुआ विस्थापितों का धरना/भूख हड़ताल ।
- विस्थापितों के जीत से क्षेत्र में हर्ष व्याप्त।
जनपद सोनभद्र, उ.प्र. में उ.प्र. सरकार की अनपरा तापीय परियोजना के लिये हुए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों एवं आदिवासियों द्वारा अपने पुर्नवास एवं पुर्नबसाहट की मांग के समर्थन में किये जा रहे शान्ति पूर्ण प्रदर्षन पर 06 सितम्बर 2011 को उ.प्र. पुलिस एवं निगम के निजी सुरक्षा कर्मियों द्वारा आदीवासी किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज करना अन्ततः उ.प्र. सरकार एवं अनपरा तापीय परियोजना को भारी पड़ा।

वर्तमान समय में अधिग्रहित भूमि पर अनपरा परियोजना की निर्माणाधीन ‘सी’ एवं ‘डी’ का निर्माण कार्य प्रगती पर है। उन परियोजनाओं में अपने लिये पुर्नवास एवं पुर्नबसाहट की मांग को लेकर भूमि अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों के सदस्यों एवं स्थानीय राजनितिक एवं विस्थापित संगठनों द्वारा विगत 2-3 सालों से बार-बार धरना प्रदर्षन कर उ.प्र. सरकार से उनके लिये प्रभावी पहल किये किये जाने के लिये आग्रह किया जा रहा है। इसी सन्दर्भ में 06.09.2011 को परियोजना प्रबन्धन, जिला प्रषासन द्वारा स्थानीय जन प्रतिनिधियों एवं विस्थापित संगठनों को वार्ता हेतु अनपरा ‘डी’ परियोजना में बुलाया गया था। जहा पर हुए लाठीचार्ज में पंकज मिश्रा, राकेष कुमार बैसवार, रमन धरिकार, बिफनी धरिकार, पारस नाथ बैसवार सहित दर्जनों अनुसूचित जनजाति एवं जाति के पुरूषों एवं महिलाओं को चोटें आई। लाठीचार्ज की घटना से विस्थापित भड़क गये तथा अपनी तीन दषकों से पुर्नवास एवं पुर्नस्थापन की मांग को लेकर पंकज मिश्रा एवं हरेदव सिंह के नेतृत्व में सामूहिक भूख हड़ताल पर बैठ गये जिसमें उन्होंने अपने पुर्नस्थापन एवं पुर्नवास, स्थायी सेवायेाजन, 25 अक्टूबर 1980 से पूर्व उनके कब्जे में रही वन भूमि पर पुर्नस्थापन एवं पुर्नवास लाभ वनाधिकार अधिनियम के तहत आदिवासियों को दिये गये वनाधिकार पर निगम एवं निजी कम्पनियों के अतिक्रमण पर रोक लगाने आदि से मांगों से सम्बन्धित एक ज्ञापन जिलाधिकारी, सोनभद्र को सौपकर अपने आन्दोलन की शुरूआत की, जैसे-जैसे आन्दोलन गति पकड़ता गया हजारों लोग आन्दोलन के समर्थन में ऊतर आये तथा जनपद के कोने-कोने से आन्दोलन को समर्थन मिलने लगा।
अन्ततः 16.09.2011 तक भूख हड़ताल पर बैठे विस्थापित प्रतिनिधियों से अनपरा तापीय परियोजना के विदेषी अतिथि गृह में 5 धण्टों तक चली बैठक में सीमडी, निगम एवं जिलधिकारी, सोनभद्र ने जहाँ सरकार का पक्ष रखा वही दूसरी ओर विस्थापितों की ओर से पंकज मिश्रा ने बिन्दूवार तथ्य रखे। अन्ततः सरकार को विस्थापितों के जायज मांग के आगे झूकना पड़ा। अन्त में सैद्धन्तिक समिति बनी की उ.प्र. सरकार द्वारा अंगीकृत किये गये राष्ट्रीय पुर्नवास एवं पुर्नबसाहट नीति 2003 के आधार पर 02.06.2011 को बनाये गये उ.प्र. सरकार की नई भूमि अधिग्रहण की नई नीति-2011 के समस्त लाभ पिछले तीन दषकों से पुर्नवास एवं पुर्नबसाहट के आस की बाट जोह रहे दलित-आदिवासी किसानों को दिया जायेगा।
अन्ततः 16.09.2011 तक भूख हड़ताल पर बैठे विस्थापित प्रतिनिधियों से अनपरा तापीय परियोजना के विदेषी अतिथि गृह में 5 धण्टों तक चली बैठक में सीमडी, निगम एवं जिलधिकारी, सोनभद्र ने जहाँ सरकार का पक्ष रखा वही दूसरी ओर विस्थापितों की ओर से पंकज मिश्रा ने बिन्दूवार तथ्य रखे। अन्ततः सरकार को विस्थापितों के जायज मांग के आगे झूकना पड़ा। अन्त में सैद्धन्तिक समिति बनी की उ.प्र. सरकार द्वारा अंगीकृत किये गये राष्ट्रीय पुर्नवास एवं पुर्नबसाहट नीति 2003 के आधार पर 02.06.2011 को बनाये गये उ.प्र. सरकार की नई भूमि अधिग्रहण की नई नीति-2011 के समस्त लाभ पिछले तीन दषकों से पुर्नवास एवं पुर्नबसाहट के आस की बाट जोह रहे दलित-आदिवासी किसानों को दिया जायेगा।

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