सोमवार, 8 अगस्त 2011

महात्मा गाँधी रास्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम

 " यहाँ अफसर श्रमिक हित का कितना ख्याल रखते है इसका अंदाजा सिर्फ इस बार से लगाया जा सकता है की जनपद सोनभद्र में वर्ष २००८-२००९ की मजदूरी का भुगतान अभी तक बाकि है "


 केंद्रीय ग्रामीण राज्यमंत्री 
भारत सरकार


नरेगा योजना के तहत काम करने के इच्छुक मजदूरों का जाब कार्ड नहीं बनाया जा रहा है, नरेगा योजना के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार न होने के कारण मजदूरों का जमकर शोषण हो रहा है, काम करने वाले मजदूरों के जाब कार्ड नियमित रूप से भरे नहीं जा रहे हैं, नरेगा के तहत प्रदत्त सुविधाओं को कार्य स्थल पर मुहैया नहीं कराया जा रहा है, विगत दो-तीन वर्षों में नरेगा योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों का लाखों रूपये बकाया, बैंकों में आदिवासियों/वनवासियों से खाता खुलवाने के नाम पर वसूली की जा रही है जिसमें तथा कथित जनप्रतिनिधियों के अलावा स्थानीय बैंक के कर्मचारियों की संलिप्तता है, मजदूरों को बैंको से सीधे भुगतान की जगह तथाकथित दलालों के माध्यम से बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से भुगतान किया जा रहा है जिससे मजदूरों की वाजिब मजदूरी का पैसा भी तथाकथित दलाल हड़प रहे हैैं। भाठ क्षेत्र के 40 किलोमीटर के विस्तार क्षेत्र में कोई बैंक न होने के कारण मजदूर चार से पांच घण्टे पैदल चलकर भुगतान लेने बैंको तक आते हैं, बैंक कर्मचारियों द्वारा जान बूझकर मजदूरों के साथ आमनवीय व्यवहार किया जाता है एवं उनके खाते में रूपये होते हुए भी उन्हे समय पर भुगतान नहीं किया जाता तथा मजदूर हफ्तों भुगतान के लिए बैंको का चक्कर लगाता रहता है एवं रोजगार से विमुख रहता है। बैंकों में नरेगा के मजदूरों का खाता खुलने से बैंको का कार्य प्रभावित हो रहा है कर्मचारियों की कमी के कारण बैंको द्वारा मजदूरों का भुगतान नियमित रूप से नहीं किया जा रहा है।



शक्ति आनंद 
अनपरा , सोनभद्र 
7398337266

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