विगत वर्ष से ‘‘किलर रोड‘‘ की संज्ञा प्राप्त वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर सड़क दुर्घटना रोकने के लिए ताषड़ तोड़ बनाए जा रहे ब्रेकरों की संज्ञा दिन दुनी रात चैगुनी रफ्तार से बढ़ने लगी है। एक सप्ताह के अन्दर जिला मुख्यालय से गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर आठ नये ब्रेकर बनाये जा रहे है अधिकांश कार्य भी पूरा हो चुका है। दैनिक पात्रियों की माने तो भारत में सर्वाधिक ब्रेकरों वाला नेशनल हाईवे वाराणसी-षक्तिनगर मार्ग बन चुका है। अकेले अनपरा थाना क्षेत्र में करहिया से लेकर ककरी खादान मोड़ तक कुल 10 किमी में 29 ब्रेकर बना दिये गये है।
रोडवेज चालकों की माने तो राबट्र्सगंज के नव निर्मित ब्रेकरों को छोड़कर पूर्व में वाराणसी से बैठ़न तक 116 ब्रेकर थे। रोडवेज चालकों व कर्मचारियों की माने तो नेशनल हाईवे के नियमावली के मुताबिक ब्रेकर का स्लोप सही नहीं है। ब्रेकरों पर किसी प्रकार का निशान न होना भी दुर्घटना का कारण होता है। जानकारों के मुताबिक राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर गति अवरोधकों का निर्माण राज्य सरकार की संस्तुति पर की जाती है। किसी भी ब्रेकर से 50 मीटर पूर्व संकेतकों के जरिए चालकों को सचेत करने के लिए बोर्ड गाड़ा जाता हैै। वाराणसी-शक्त्निगर मार्ग रेलवे क्रासिंग के अलावा कही भी ब्रेकर संकेतक बोर्ड नहीं लगाया गया है। दुर्घटना रोकने के लिए बनाए गये ब्रेकर दूसरी तरह के दुर्घटनाओें का सबब बनते जा रहे है। इसमे किसी अन्य को नहीं बल्कि वाहन चालकों को स्वनुकसान ज्यादा हो रहा है। रोडवेज चालक तो इतने खिन्न हो चुके है के वे इस रोड पर चलना ही नहीं चाहते।