मंगलवार, 31 अगस्त 2021

मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मेले में फाइलेरिया मुक्ति अभियान की शुरुआत

आज दिनांक 16 फरवरी को ग्राम पंचायत औड़ी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मेले में प्रधान प्रतिनिधि शक्ति आनंद कनौजिया ने फाइलेरिया मुक्ति अभियान में खुद फाइलेरिया के बचाव की दवा खाकर इस अभियान की शुरुआत किया। श्री आनंद ने बताया कि यह मेला फरवरी से मार्च तक प्रत्येक रविवार को पंचायत भवन के समीप नया प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र औड़ी में आयोजित किया जाना है। जिसमे विभीन्न रोगों के निःशुल्क जांच जैसे रक्तचाप, मधुमेह, एचआईवी, हीमोग्लोबिन, टाइफाइड, टीबी, गर्भ, मलेरिया, पीलिया, कुपोषण, चर्मरोग, दाँत आदि तथा इन्ही के उपचार व परामर्श के साथ दवाये भी दिए जाएंगे। साथ ही इसमें आयुर्वेदिक, एलोपैथिक, दाँत के दवाये भी वितरित किये जायेंगे और मेले में सभी सेवाएं निःशुल्क है। साथ ही आयुष्मान कार्ड के पंजीकरण भी किये जायेंगे। मेले में मुख्य रूप से प्रभारी चिकित्सा अधिकारी नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र औड़ी डॉक्टर पी एन सिंह, एनएम अनिला मित्रा, फार्मासिस्ट प्रवीण सिंह, दशरथ स्वीपर /चौकीदार, डॉ शरद पांडे आयुष चिकित्सक, डॉ टिशू कश्यप महिला चिकित्सक, डॉ नीतू मल दांत चिकित्सक, विनोद कुमार जांच करने वाले सभी लोग फ़रवरी और मार्च के प्रत्येक रविवार को मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला आयोजित हो रहा है जिसमें सभी जांच और इलाज, हो रहा है में उपस्थित रहेंगे।

सोमवार, 16 अगस्त 2021

नगर पंचायत अनपरा बनाएगी 15 वें वित्त से सार्वजनिक हैंडपंप पर सोख्ता, होगा जल संचयन

·      नगर पंचायत अनपरा के औड़ी परिक्षेत्र में पूर्व से स्थापित हैं कुल 182 सार्वजनिक हैण्डपम्प ।

·      सार्वजनिक हैंडपंप के समीप जल संचयन हेतु सोखता बनाये जाने की मांग ।

·      मिशन जल संचयन के अंतर्गत सार्वजनिक हैंडपंप पर 15 वें वित्त से न०पा०अनपरा कराएगी कार्य ।

·      जल संचयन के साथ ही सड़क पर जल जमाव से मिलेगी मुक्ति ।

 

शक्ति आनंद

Application-40020021007885
Report- NP Anpara-90-12.08.2021
नगर पंचायत में वर्तमान में विभिन्न सरकारी एवं निजी संस्थाओं द्वारा अपने कार्यक्रम के तहत तथा पूर्व में ग्राम पंचायत द्वारा औड़ी परिक्षेत्र कुल मिलाकर लगभग 182 हैंडपंप स्थापित है, जिसमें लगभग 165 सुचारू रूप से चल रहे हैं । वर्तमान में केंद्रीय और राज्य सरकार द्वारा जल संचयन के वृहद कार्यक्रम के अंतर्गत वर्षा जल एवं अन्य स्तोत्र से हो रही जल की बर्बादी को रोकने के लिए तरह-तरह के तरीकों से जल संचयन को किए जाने का प्रावधान सुनिश्चित किया गया है । ग्रामीण क्षेत्रो में तो बंधी, तालाब, पोखरे बनाकर उक्त कार्य को पहले भी किया जाता रहा हैं, परन्तु नगरीय क्षेत्र में ज्यादतर अन्य माध्यमो से इस कार्य को किये जाने हेतु नित नये तरीके अपनाये जाते हैं । जिसकी कड़ी में नगर पंचायत अनपरा को सुझाये गए एक सुझाव पर नपा ने अपनी रूचि दिखाते हुए, नगर पंचायत में स्तिथ हैण्डपम्पो पर सोख्ता गड्ढा बनवाकर बहने वाले व्यर्थ पानियों को वाटर रिचार्जिंग के काम में करवाने के लिए नगर पंचायत में प्राप्त होने वाले 15वे वित्त आयोग के ग्रांट की धनराशी से हैण्डपंप नालियों के आस पास सोख्ता गड़े बनवाकर वाटर रिचार्जिंग का कार्य कराया जायेगा ।

कुछ दिन पूर्व स्थानीय अनपरा निवासी शक्ति आनंद द्वारा नपा को पत्र के माध्यम से उक्त कार्य
कराये जाने से लाभ एवं व्यर्थ बहने वाले व्यर्थ पानी की बर्बादी को रोकने हेतु मांग किया गया था कि यदि उन स्थानों पर जहां पर वह सार्वजनिक हैंडपंप स्थित है कि आस-पास सोख्ता गड्ढा बनवा दिया जाए तो गर्मी के दिनों में जल स्तर नीचे जाने वाली समस्या से बहुत राहत मिलेगी, जिससे हैंडपंपों के माध्यम से बेतहाशा रोड एवं सड़क एवं गलियों के नालियों में भरने वाले व्यर्थ जल 
को वाटर रिचार्जिंग के काम में लिया जा सकता हैजो ही बहुत कम खर्चे वाला कार्य नगर पंचायत अपने निधि से इन कार्यों को करके जल संचयन में एक अहम योगदान दे सकता है ।

रविवार, 3 मई 2020

प्रदेश सरकार युवाओं व कामगारों को दे प्रति माह की आर्थिक सहायता राशि

shakti anpara
जिले के बेरोजगार युवाओं व असंगठित क्षेत्र के कामगारों को प्रतिमाह आर्थिक सहायता राशि देने व साथ ही विधायक एवं सांसद भी अपनी निधि की सम्पूर्ण राशि जिले के इन गरीबों परिवारो पर अगर खर्च करें तो ज्यादा बेहतर व कारगर होता, आगामी 17 मई तक लाकडाउन जारी रहने के मद्देनजर इन बेरोजगार युवाओं व कामगारों के लिए यह मदद काफी उपयोगी साबित होगी, लाकडाउन में गंभीर स्थिति के चलते श्रमिकों का गरीबों के सामने अपना अस्तित्व बचाने का संकट आ खड़ा हुआ है रोजाना कमाने वाले इन लोगों को अब अपने परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया है इस तरह की खबरें भी लगातार आ रही है कि प्रदेश के कई जिलों में कई ट्रक फल सब्जियां एवं रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं सही प्रबंधन के अभाव में बर्बाद हो रही हैं और जिला प्रशासन इन्हें आम जनता तक पहुंचाने में नाकामयाब साबित हो रहा है इसके परिणाम स्वरूप एक तरफ जहा महंगाई में अप्रत्याशित बढ़ोतरी लगातार हो रही है वही प्रदेश के अति गरीब वर्ग, विशेषकर बेरोजगार युवाओं, खेतों में काम करने वाले मजदूरों, छोटे उद्योगों में काम करने वाले कर्मियों, छोटे किसान, मीडिया में कार्यरत कर्मचारियों, छोटे दुकानदारों, रिक्शा चालकों को बिना भेदभाव किए कम से कम ₹5000 की राशि प्रतिमाह आर्थिक सहायता देने के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाये जाने की आवश्यकता होनी चाहिए

मंगलवार, 21 अप्रैल 2020

कोरोना वायरस को हराने निकली है दिल्ली सरकार की तर्ज पर ग्राम पंचायत औडी

March 25, 2020 • Banwasi weekly
भारत मे कोरोना वायरस को लेकर चारो तरफ हलचल है केन्द्र सरकार व राज्य सरकारे स्पष्ट कर चुकी है कि इसका संक्रमण रोकना ही एकमात्र रास्ता है। पुर्व मे एक दिन के लाक डाउन के बाद दिनांक 24 मार्च को शायं प्रधानमंत्री ने 21 दिन के लाकडाउन की घोषणा की है और जनता प्रधानमंत्री की अपील पर अपने घरो मे है भले ही समस्याये हो पर सभी यह प्रयास कर रहे है कि सरकारी एडवाईजरी का पालन करे। शायद विगत् 10 वर्षो मे यह पहली बार है जब सभी एकजुट हुये है कारण है इस महामारी से भारत को बचाने का।
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र की एक ग्राम पंचायत औडी ने सीमित संसाधनो के साथ कोरोना वायरस से रोकथाम हेतु ऐतेहासिक कदम उठाये है और दिखाया है कि पंचायत अपनी शक्तियो व मद का समुचित व जनहित मे उपयोग करना चाहे तो एक सरकार के समान है। विगत् 4 दिन से औडी ग्राम पंचायत, दिल्ली सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सैनेटाईजेशन हेतु प्रयुक्त किये जाने वाले नामित विभिन्न रसायनो का उपयोग कर पुरे ग्राम पंचायत को सैनेटाईज कर रही है और इसके साथ साथ विभिन्न किटनाशक दवाईयो, मच्छररोधी दवाईयो का छिडकाव कर रही है। ग्राम पंचायतः-औडी, उत्तर प्रदेश के जनपदः-सोनभद्र के विकासखण्ड म्योरपुर के अधीनस्थ है जिसमे 80 ग्राम पंचायते है परन्तु 79 ग्राम पंचायते जहां अपनी जिम्मेदारी पर मौन है और इन गांवो के ग्रामीण जहां अपनी ग्राम पंचायतो को कोस रहे है वही औडी ने एक मिसाल कायम की है ।

शक्ति आनन्द
ग्राम पंचायत प्रतिनिधि शक्ति आनन्द का कहना है कि हमने सीमित संसाधनो मे औडी को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया है और जब तक पुर्णत आश्वस्त नही हो जाते तब तक सैनेटाईजेशन और किटनाशक दवाईय़ो के छिडकाव की प्रक्रिया जारी रहेगी। ग्राम पंचायतः-औडी के इस कार्य मे अपनी महत्वपुर्ण भूमिका अदा कर रहे सहयोग एनजीओ के सचिव पंकज कुमार मिश्रा का कहना है कि ग्राम पंचायत औडी अपनी पुरी ताकत से कार्यरत है तथा हमारा प्रयास है कि अब सक्षम लोगो से सहायता लेकर अन्य ग्राम पंचायतो के भी सैनेटाईजेशन की प्रक्रिया शुरु करे ताकि अन्य ग्राम पंचायते भी कोरोना वायरस के प्रभाव से सुरक्षित रह सके।

बुधवार, 11 मार्च 2020

सोनभद्र के काल्पनिक सोने से भारत को सोने की चिड़िया बनाने वाली मीडिया आख़िर कहां चूकी?



20 फ़रवरी 2020 को उत्तर प्रदेश के स्थानीय अखबारों में ख़बर छपी कि प्रदेश के सोनभद्र ज़िले में सोने की खान मिली है जिसमें 3 हज़ार 5 सौ टन सोना मौजूद है. 22 फ़रवरी तक पूरे भारतीय मीडिया में ये ख़बर फैल चुकी थी. बताया जाने लगा कि सोनभद्र में ज़मीन के नीचे दफ़न सोने की कीमत 12 लाख करोड़ की है और ये भारतीय गोल्ड रिज़र्व का 5 गुना होगा. मीडिया में आई रिपोर्ट्स में ज़िला लेवल के एक माइनिंग ऑफ़िसर के हवाले से ये ख़बरें बतायी गईं और और दावा किया गया कि इसके बाद भारत का गोल्ड रिज़र्व 626 टन से बढ़कर दुनिया में दूसरे नंबर पर आ जाएगा. पहले नंबर पर अमरीका का कब्ज़ा है जिसका गोल्ड रिज़र्व 8,133.5 टन का है. हालांकि रिपोर्ट में गोल्ड डिपॉज़िट का ज़िक्र था लेकिन चैनलों ने उसे पूरा सोना ही बता दिया और पूरे 3,500 टन भारतीय गोल्ड रिज़र्व में जोड़ दिए. इस तरह की रिपोर्टिंग दिन में तब तक चली जब तक भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया) ने ऐसी किसी भी खोज की ख़बरों को ख़ारिज नहीं किया. ऑल्ट न्यूज़ इस आर्टिकल में बतायेगा कि कैसे भारतीय मीडिया बिना क्रॉस चेक किये, ख़बर फैलाने लगा.
दैनिक जागरण में साफ़ छपा हुआ था कि खदान में जो खोज हुई है वो सोने के अयस्क की हुई है. अख़बार में बीएचयू के भूविज्ञान के प्रोफ़ेसर डॉक्टर रोहतास की कही बात भी है. प्रोफ़ेसर ने कहा कि खदान से कितना सोना निकलेगा, ये गोल्ड डिपॉज़िट की क्वालिटी पर डिपेंड करेगा. लेकिन अंग्रेज़ी मीडिया तक जब ये ख़बर पहुंची, उन्होंने इसे बेहद अलग तरीके से रिपोर्ट किया.
मामले की एकदम शुरुआत में 3,350 टन के सोने के अयस्क को 3,350 टन सोना कहने के मामले में एक ट्वीट सामने आता है. ये पोस्टकार्ड न्यूज़ नाम की विवादित वेबसाइट के फाउंडर महेश हेगड़े का ट्वीट था. हेगड़े ने ही ये स्थापित किया कि पूरा 3,350 टन सोना भारतीय गोल्ड रिज़र्व में शामिल कर लिया जाएगा. कई मेनस्ट्रीम मीडिया आउटलेट्स ने रट्टू तोते की तरह ये ख़बर हर जगह बांच दी.
3500 tonnes of GOLD found in Sonbhadra, UP
Extraction work will soon begin
Credit goes to Geological Survey of India for working behind this since 2005
Prior to this India's Gold reserves in world was 618.2 tonnes
Once again India will be called Golden Bird (Sone Ki Chidiya)
— Mahesh Vikram Hegde (@mvmeet) February 20, 2020
21 फ़रवरी को ANI ने भी ये ख़बर छापी. मज़ेदार बात ये है कि ANI की स्टोरी में डिस्ट्रिक्ट माइनिंग ऑफिसर केके राय का बयान छापा था जिन्होंने क्लेम किया कि सोन पहाड़ी में 2700 मिलियन टन गोल्ड डिपॉज़िट है और और हरदी के मैदानों में 650 मिलियन टन है. सरकारी प्रसारणकर्ता दूरदर्शन ने भी इस ख़बर को ट्वीट के ज़रिये बताया और साथ ही माइनिंग अफ़सर के बयान को भी दिखाया. अब ये ट्वीट डिलीट हो गया है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया और इकॉनमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में, जिसका ज़िक्र कई जगहों पर हुआ, तमाम देशों के गोल्ड रिज़र्व की कीमत बताई गई और ये अनुमान लगाया गया कि इस खोज के बाद दुनिया भर में गोल्ड रिज़र्व के मामले में भारत यूनाइटेड स्टेट्स के बाद दूसरे नंबर पर पहुंच जाएगा.
ये ध्यान दिये जाने लायक है कि लगभग सभी मीडिया आउटलेट्स ने यही मान लिया कि जितना सोने का अयस्क है निकलने वाले सोने का वजन भी उतना ही होगा. ये अपने आप में हास्यास्पद है. 'मनी कंट्रोल' की एक रिपोर्ट में ये बताया गया था कि खदान से निकलने वाले सोने का असल वजन सोने के अयस्क का एक छोटा सा हिस्सा होगा. लेकिन इस रिपोर्ट में भी ये लिखा गया था कि इस खोज में मिलने वाला सोना मौजूदा भारतीय गोल्ड रिज़र्व का पांच गुना होगा.
सोने के अयस्क और असल सोने के बीच अंतर को दरकिनार करते हुए भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया जश्न में डूबा हुआ था. आशंका के अनुरूप, प्रदेश की सरकार को इस खोज का क्रेडिट मिलने लगा. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक हेडलाइन कह रही थी - Yogi Adityanath strikes gold (योगी आदित्यनाथ ने जीता सोना). ये सोशल मीडिया पर ख़ूब शेयर हुई और उत्तर प्रदेश के चीफ़ मिनिस्टर को ख़ूब वाहवाही मिली.
Yogi Adityanath strikes gold! 3,500-tonne goldmine found in Uttar Pradesh's #Sonbhadra district https://t.co/8tIB01tdvL pic.twitter.com/Em4Zqh9z1d
— Financial Express (@FinancialXpress) February 21, 2020
गौरतलब ये है कि फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने 21 फ़रवरी को ही ये रिपोर्ट किया था कि डिपॉज़िट में गोल्ड रिज़र्व 52,806 टन का है और वो लगभग 3.04 ग्राम प्रति टन ग्रेड का है.
कई टीवी न्यूज़ शो में ये ख़बर मज़ेदार तरीकों से दिखाई गई. इस दौरान किसी ने भी फ़ैक्ट चेक करने की ज़हमत नहीं उठाई. आज तक ने जहां 'फिर सोने की चिड़िया' कहा वहीं एबीपी न्यूज़ ने सोनभद्र की उस पहाड़ी को देश की तक़दीर बदलने वाली पहाड़ी कह दिया. इस खोज को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने में किसी भी टीवी चैनल ने कोई कसर नहीं छोड़ी.

जब ये ख़बरें हर जगह चल रही थीं, इस वक़्त तक खदान मंत्रालय या फ़िर जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया से कोई कन्फ़र्मेशन नहीं मिला था. लेकिन हाउसिंग एंड अर्बन अफ़ेयर्स और सिविल एवियेशन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस ख़बर का संज्ञान लिया और ट्वीट कर के कहा कि सोनभद्र की खदान में बम्पर मात्रा में सोना मिलने के बाद भारत दुनिया में गोल्ड रिज़र्व के मामले में दूसरे नंबर पर पहुंच जाएगा.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तो मीडिया को बाइट भी दे दी और कहा कि देश आर्थिक रूप से और मज़बूत हो जायेगा.
UP Deputy CM KP Maurya on gold deposits found in Sonbhadra: This will help in making India financially strong. The state government is happy with this news. pic.twitter.com/MyERmHE5Qi
— ANI UP (@ANINewsUP) February 22, 2020
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के डायरेक्टर एस गुरुमूर्ति ने ट्वीट किया और भारत की वर्ल्ड गोल्ड मार्केट को कंट्रोल करने की प्रबल संभावना जताई.
Yogi Adityanath strikes gold! 3,500-tonne goldmine found in Uttar Pradesh’s Sonbhadra district-https://t.co/ybcFnhQutU
If this were true it is my 30 year dream come true. If India has 3500 tons of gold it will control the world gold market, decide the world gold prices too.
— S Gurumurthy (@sgurumurthy) February 21, 2020

सोना मिला ही नहीं

मालूम ये चला कि GSI के डायरेक्टर जनरल (डीजी) एम श्रीधर ने पीटीआई को बताया, "सोनभद्र में GSI ने इतने बड़े गोल्ड रिज़र्व का कोई अनुमान नहीं लगाया है."
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने एक प्रेस रिलीज़ जारी की और ये साफ़ किया कि फ़ील्ड सीज़न 1998-1999 और 1999-2000 में ये छानबीन की गई थी. उन्होंने कहा, "जिस ज़ोन में खनिज है, वहां की ग्रेडिंग है 3.03 ग्राम प्रति टन. ये एक अंदाजा है. इस तरह से 52,806.25 टन के अयस्क से असल में जो सोना मिलेगा वो लगभग 160 किलो होगा. मीडिया में दिखाए जा रहे 3,350 टन की बात ग़लत है."

पहले भी कई बार इसी जगह सोना मिलने के बारे में बात हुई

सोने का अयस्क मिलने की छानबीन 1998-2000 में हुई और तबसे कोई भी नयी खोज सामने नहीं आई. अगर होती तो मीडिया इसे भी रिपोर्ट करती. ऑल्ट न्यूज़ ने जब खोजबीन की तो मालूम पड़ा कि अक्टूबर 2011 में आई खान मंत्रालय की एक रिपोर्ट में भी सोनभद्र की इस 'खोज' का ज़िक्र था. नीचे दी गई तस्वीर में सोनभद्र में मिले सोने के अयस्क की बात हुई है. यहां 0.053 मिलियन टन की बात होती दिख रही है. ये 53,000 टन के बराबर है और GSI की प्रेस रिलीज़ में दिए गए 52,806.25 टन से मिलती जुलती है.

सोने का अयस्क बनाम उससे निकलने वाला असली सोना

इस पूरे प्रकरण से ये साफ़ हुआ कि मीडिया और सोशल मीडिया यूज़र्स सोने के अयस्क और असल सोने में कन्फ्यूज़ थे. एक सोने की खदान में सोने का कितना अनुपात होगा, ये ग्राम प्रति मीट्रिक टन से दर्शाया जाता है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, एक अच्छी सोने की खदान में 8 से 10 ग्राम प्रति टन सोना होता है. औसत खदान में 4 से 6 ग्राम प्रति टन और ओपन पिट खदान में 1 से 4 ग्राम प्रति टन सोना होता है.
सोनभद्र में बताया गया कि 3.03 ग्राम प्रति टन ग्रेडिंग वाला अयस्क मिला है. अगर इसकी ग्रेडिंग 10 ग्राम प्रति टन भी होती तो भी 3500 टन के अयस्क से मात्र 35 किलो सोना निकलता. बाद में GSI ने जो आंकड़ा दिया, उसके हिसाब से 3.03 ग्राम प्रति टन ग्रेडिंग वाले 52,806.25 टन अयस्क से 160 किलो सोना मिल सकता है.
तो हुआ ये कि मीडिया आउटलेट्स ने बिना बेसिक फ़ैक्ट-चेक किये ग़लत जानकारी को हर जगह पहुंचा दिया. उन्होंने सोने के अयस्क के बारे में न ही पिछली रिपोर्टें पढ़ीं और न ही GSI से वेरिफ़ाई करना उचित समझा. इसकी वजह से उन्होंने न केवल सोने का वजन ग़लत कैलकुलेट किया बल्कि सोने के अयस्क और असल सोने की मात्रा भी एक ही समझ ली. पोस्टकार्ड न्यूज़ के फाउंडर की देखा देखी, इन्होंने भी पूरी संख्या भारत के गोल्ड रिज़र्व में जोड़ दी और ये फैला दिया कि भारत गोल्ड रिज़र्व के मामले में दूसरे नंबर पर पहुंच जाएगा. उन्होंने ये सोचने की भी ज़हमत नहीं उठाई कि अगर इतनी बड़ी खोज हुई है तो उसके बारे में GSI ने क्यूं इत्तेला नहीं की और क्यूं एक माइनिंग अफ़सर के हवाले से ये ख़बर सभी के सामने आई.
Sam Jawed | February 26, 2020 at 4:56 pm | Categories: राजनीति | URL: https://wp.me/p9i4Q8-5wk
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