सोमवार, 16 सितंबर 2013

विवादीत भूमी लाल रंग तक चारदिवारी का निर्माण इनके द्वारा करा कर छोड दिया गया है यहाँ पर ये रिजेक्ट कोयला गिरा अतिक्रमण कर रहें है अगर कोई विरोध नही करेगा तो बाद मे पैसे के दम पर ये अपना नाम दर्ज करा लेंगे।

विवादीत भूमी लाल रंग तक चारदिवारी का निर्माण इनके द्वारा करा कर छोड दिया गया है यहाँ पर ये रिजेक्ट कोयला गिरा अतिक्रमण कर रहें है अगर कोई विरोध नही करेगा तो बाद मे पैसे के दम पर ये अपना नाम दर्ज करा लेंगे। 

लाल रंग वाली चारदिवारी 2002 मे फर्जी ढ़ग से अपने नाम दर्ज करा लिया है।

लाल रंग वाली चारदिवारी 2002 मे फर्जी ढ़ग से अपने नाम दर्ज करा लिया है।

फोटो मे दिख रहा धुआं वाला हिस्सा ही विवादी भूमी है जिस पर इस कंम्पनी द्वारा रिजेक्ट कोयला गिरा कर अतिक्रमण किया जा रहा है, अतिक्रमण हो जाने के बाद समस्त भूमी को ये पैसे द्वारा अपने नाम दर्ज करा लेंगे। धुआं के पिछे चारदिवार साफ दिख रहा है जिसका निर्माण इसी स्थान तक कर छोड़ दिया गया है अगर किसी द्वारा इसका विरोध नही होता है तो ये भूमी को कब्जे मे लेकर अपना नाम फर्जी तरह दर्ज करा लेते है।

फोटो मे दिख रहा धुआं वाला हिस्सा ही विवादी भूमी है जिस पर इस कंम्पनी द्वारा रिजेक्ट कोयला गिरा कर अतिक्रमण किया जा रहा है, अतिक्रमण हो जाने के बाद समस्त भूमी को ये पैसे द्वारा अपने नाम दर्ज करा लेंगे। धुआं के पिछे चारदिवार साफ दिख रहा है जिसका निर्माण इसी स्थान तक कर छोड़ दिया गया है अगर किसी द्वारा इसका विरोध नही होता है तो ये भूमी को कब्जे मे लेकर अपना नाम फर्जी तरह दर्ज करा लेते है।

दाहिने गुलाबी रंग की चारदीवारी इनके कारखाने के पूर्वी छोर की है तीन चिमनी नुमा कुलिगं टावर हरे रंग का दिख रहा है और बगल मे पीले रंग वाली भूमी भी 2002 मे गलत ढ़ग से कब्जा किया है। नीचे से उपर पीले रंग का चारदिवारी भी राजस्व विभाग एंव सिंचायी विभाग को पैसा देकर गलत ढ़ग से पैमाईस करा कर अपना नाम दर्ज कराया है।

दाहिने गुलाबी रंग की चारदीवारी इनके कारखाने के पूर्वी छोर की है तीन चिमनी नुमा कुलिगं टावर हरे रंग का दिख रहा है और बगल मे पीले रंग वाली भूमी भी 2002 मे गलत ढ़ग से कब्जा किया है। नीचे से उपर पीले रंग का चारदिवारी भी राजस्व विभाग एंव सिंचायी विभाग को पैसा देकर गलत ढ़ग से पैमाईस करा कर अपना नाम दर्ज कराया है। 

विद्युत कारखाने से निकलता राख युक्त पानी रिहन्द डेम को समर्पित सोनभद्र रिहन्द डेम के जलीय जीवो के प्रति कोई भी संजीदा नही है। अगर यह किसी की नीजी संम्पत्ति होती, रक्त की नदीयां बह गयी होती ? जिलाअधिकारी भी इसके प्रति संजीदा नहीं है।

विद्युत कारखाने से निकलता राख युक्त पानी रिहन्द डेम को समर्पित सोनभद्र रिहन्द डेम के जलीय जीवो के प्रति कोई भी संजीदा नही है। अगर यह किसी की नीजी संम्पत्ति होती, रक्त की नदीयां बह गयी होती ? जिलाअधिकारी भी इसके प्रति संजीदा नहीं है।

रविवार, 1 सितंबर 2013

जीआईसी अनपरा में 40 के सापेक्ष हैं 16 शिक्षक

हजार से ऊपर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में आ रही है बाधा। 

राजकीय इंटर कालेज अनपरा में अध्यापकों की कमी से छात्रों की पढ़ाई चैपट हो रही है, जो उनके भविष्य के लिए अच्छा नहीं। वर्तमान में लगभग दो छात्र-छात्राओं की शिक्षा की जिम्मेदारी महज 16 शिक्षक निभा रहे है। विद्यालय में सृजित 17 प्रवक्ता के सापेक्ष महज 8 प्रवक्ता कार्यरत हैं। एलटी ग्रेड के शिक्षकों की तो और भी समस्या है। विद्यालय में कुल 23 एलटी ग्रेड के शिक्षकों का पद सृजित है जबकि मौके पर 8 की ही तैनाती है। ऐसे में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है।

एलटी ग्रेड में कहने को 13 शिक्षक हैं लेकिन इनमें से पांच शिक्षक राजकीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत खुले विभिन्न नए विद्यालयों में अपग्रेड कर दिए गए हैं। भौतिकी विज्ञान में दो प्रवक्ताओं की नियुक्ति की गई है लेकिन इसमें से एक पिछले एक साल से वीआरएस पर चल रहे हैं जबकि दूसरे शिक्षक को जीआईसी घोरावल से संयुक्त शिक्षा निदेशक के निर्देश पर संबद्ध कर दिया गया है। कमोबेश यही स्थिति अंग्रेजी तथा रसायन शास्त्र की भी है। 

बलिराज राम
बलिराज राम
कालेज के प्राचार्य बलिराज राम ने बताया कि अध्यापकों की कमी की जानकारी विभाग के उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। तैनाती उन्हीं को करनी है। संयुक्त शिक्षा निदेशक फजुर्रहमान ने पूरे मंडल में अध्यापकों की कमी बताते हुए कहा कि जीआईसी अनपरा में शिक्षकों की कमी को शीघ्र दूर करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। 

मनरेगा के धन का कर रहे है बन्दरबाट

  • मनरेगा के कई निर्माण कार्यो में किया गया है मषीनों का प्रयोग।
  • वर्ष 2011 में भी की गई थी षिकायत, समस्या जस की तस।
  • कार्यस्थलों के रास्ते में डाली जाती है मिट्टी, जिससे कोई पहुँच न सके। 

कुबरी में मनरेगा के कार्यस्थल पर चल रही जेसीबी
कुबरी में मनरेगा के कार्यस्थल पर
चल रही जेसीबी
सोनभद्र के  विकासखंड म्योरपुर के ग्राम सभा औड़ी के कुबरी टोला में ग्राम प्रधान व विभागीय अधिकरियों व कर्मचारियों की मिली भगत से मनरेगा के तहत रातो रात लाखों रूपये की बन्धी निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया। उक्त मनरेगा के कार्य में जल्द पैसा बनाने के लालच में सम्बन्धितों द्वारा मनरेगा के कार्य में अधिनियम के प्राविधानों को नजर अन्दाज कर जेसीबी मषीन का प्रयोग कर कार्य को जल्द समाप्त कर पैसों की बन्दरबाट की है

कार्यस्थल के रास्ते को जाम करने  के लिये डाली गई मिट्टी।
कार्यस्थल के रास्ते को जाम करने
के लिये डाली गई मिट्टी। 
यह आरोप क्षेत्र पंचायत सदस्य-सुभाष चन्द्र ने बताई उन्होंने यह भी बताया कि कार्यस्थल पर एकमात्र पहुँच मार्ग पर ग्राम प्रधान द्वारा मिट्टी का ढे़र लगाया ताकि कोई कार्य स्थल पर न पहुँच सके। परन्तु वे मौके पर पहुँच कर हो रहे कार्य को अधिनियम के विपरित होने फोटो खीची व लिखित षिकायत भी की लेकिन अभी तक उक्त व्यक्तिओं पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है।


वर्ष 2011 में ग्राम पंचायत सदस्य-औड़ी शक्ति आनन्द ने भी कुबरी टोले में मनरेगा के तहत कराये गये कई बन्धी निर्माण कार्यो में जेसीबी मषीन का प्रयोग किये जाने सम्बन्धी तत्समय जिलाधिकारी, सोनभद्र से की थी, जिसके बाबत बीड़ीओ-म्योरपुर, एडीओ, म्योरपुर व प्रेम चैबे, ग्राम विकास अधिकारी के नेतृत्व में एक जाँच टीम ने मामले की तहकीकात कर षिकायत को सही पाया था

शक्ति आनन्द
तत्समय जिले भर में सीबीआई की जाँच चल रही थी तथा ग्राम पंचायत औड़ी के ग्राम प्रधान के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने आष्वासन देते हुए ग्राम विकास अधिकारी व तकनिकी सहायक को स्थान्तरित कर दिया गया था, परन्तु उक्त प्रकरण के लगभग ढ़ाई वर्ष व्यतीत होने के पश्चात भी सम्बन्धितों पर कोई कार्यवाही न किये जाने की वजह से सम्बन्धितों द्वारा सरकारी धन के बन्दरबाट के इरादे से ऐसा कृत्य बार-बार किया जा रहा है। क्षेत्र पंचायत सदस्य-ज्योति  प्रकाष दूबे ने भी इसकी कड़ी निन्दा करने के साथ-साथ इसे ग्राम सभा के पैसों की लूट बताई है।