गुरुवार, 1 सितंबर 2011

किलर रोड!

वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर स्थित जनपद सोनभद्र में सुकृत से शक्तिनगर (लगभग 145 किमी) की दुर्घटना बाहुल्य सड़क पर दुर्घटनाओं के कारण एवं उसके समाधान के सन्दर्भ में बिन्दुआर विवरण-
 

 1.    जनपद सोनभद्र में स्थित 145 किलोमीटर की सड़क जो वाराणसी-शक्तिनगर मुख्यमार्ग पर स्थित है। उस सड़क का सर्वाधिक दुर्घटना बाहुल्य होने का मुख्य कारण जनपद की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण घाटी, वनों आदि से सड़क के गुजरने के कारण सड़क का तीव्र घुमावदार एवं पहाड़/घाटियों के कारण सड़क का ऊंचा-नीचा होना है। सामान्य सड़कों से पहाड़ों और घाटियों के बीच पड़ने वाली सड़कों पर सड़क सुरक्षा का जोखिम पांच गुना ज्यादा होता है। 

2.    वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर सोनभद्र उत्तर-प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश में स्थित खनिज एवं खनिजों के अभिवहन पर आधारित खनन उद्योग, कोयला खदानें, बिजली परियोजनाएं एवं अन्य औद्योगिक संस्थाओं की बाहुल्यता के कारण सड़क पर भारी मालवाहकों का अत्यधिक दबाव बना रहता है तथा दिन-प्रतिदिन भारी मालवाहकों का दबाव बढ़ता जा रहा है। मालवाहकों/जनपरिवहन वाहनों/छोटे वाहनोें का अत्यधिक दबाव सड़क पर हेै। अपेक्षा के कम चौड़ी सड़क होने के कारण तथा सड़क के बीच विभाजक न होने के कारण दुर्घटनाओं की बाहुल्यता है। आने वाले पांच वर्षों में उक्त क्षेत्रों में हो रहे औद्योगिक विकास से सड़क पर वर्तमान से तीन गुना ज्यादा भारी/हल्के वाहनों का दबाव बढ़ेगा जिस पर सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से नियन्त्रण रखने के लिए पर्याप्त आवश्यक कार्यवाही न होने की स्थिति में सड़क दुर्घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि होगी।

3.    वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग मुख्यतः जनपद सोनभद्र में 145 किलोमीटर है। जो सर्वाधिक दुर्घटना बाहुल्य सड़क है। राज्य सरकार के परिवहन, खनन, पुलिस, वन आदि विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा कर रहा है। जिला प्रशासन सड़क सुरक्षा के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर अपनी जिम्मेवारियों से मुक्त होना चाहता है। ओवर लोड वाहनों को सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण माना जाता है सड़क सुरक्षा से जुड़े एजेन्सियों द्वारा इस बात की पुष्टि की गयी है ओवर लोड वाहनो को सड़क पर अभिवहन करने के लिए अतिरिक्त स्थान की आवश्यकता पड़ती है तथा अनियन्त्रित होने के कारण सड़क के अन्य  उपयोगकर्ताओं के लिए जोखिम बढ़ाती है। जनपद की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण ऐसे वाहनों का वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर सन्तुलन/नियन्त्रण का न होना गम्भीर विषय है क्योंकि अधिक घुमावदार/उच्च व्रकताध्तीव्र ढलान एवं चढाईयों भरी भौगोलिक परिस्थतियों से गुजरने वाले वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर ओवर लोड असन्तुलित/अनियन्त्रित माल वाहकों का अभिवहन सड़क दुर्घटनाओं की बाहुल्यता का प्रमुख कारण है। परन्तु मालवाहकों के ओवर लोड पर अंकुश लगाने की जगह राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा खुद ओवर लोड की वैद्यानिक पुष्टि की जा रही है। परिवहन विभाग जिसकी मूल जिम्मेवारी मालवाहकों का ओवरलोड रोकना है उसके वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार परिवहन विभाग ने चेकपोस्ट बैरियरों पर अधिकारियों/कर्मचारियों को ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई करने का आधिकार ही नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण मालवाहकों की ओवरलोडिंग रोकना उत्तर प्रदेश में असम्भव है। परिवहन एवं सम्बन्धित विभाग द्वारा परिवहन माफियाओं के प्रभाव में आकर की गयी उनकी भ्रष्ट कार्यप्रणाली से सड़क दुर्घटनाओं में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। परिवहन विभाग एवं पुलिस के लिए ओवर लोड माल वाहक सिर्फ करोड़ो रूपये के अवैध आय का स्त्रोत बनकर रह गयी है जिस कारण कार्यवाही की जगह विभाग सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर रहा है। 

4.    सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल रिट पिटीशन संख्या-136/2003, परमजीत भसीन एवं बनाम यूनियन आफ इण्डिया एवं अन्य में 9 नवम्बर, 2005 को पारित आदेश के क्रम में माह वाहकों की ओवर लोड़िग के समस्त प्राविधान समाप्त कर दिये जाने के बाद उत्तर-प्रदेश शासन द्वारा समस्त विभागों को न्यायालय के आदेशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु माल वाहकों की ओवर लोड़िग रोकने के आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये परन्तु जनपद सोनभद्र में जोकि मुख्यतः प्रतिदिन लगभग पांच हजार भारी माल वाहकों द्वारा खनिजों/उपखनिजों (गिट्टी, बालू, मोरंग, कोयला) आदि का अभिवहन किया जाता है तथा पूरे उत्तर-प्रदेश में इसकी आपूर्ति की जाती है। खनिज विभाग, सोनभद्र द्वारा माल वाहकों के अभिवहन क्षमता से तीन से चार गुना अधिक का खनिज अभिवहन प्रपत्र (एमएम-11) जारी किया जा रहा है, वन विभाग एवं व्यापार कर विभाग द्वारा ऐसे माल वाहकों से अभिवहन शुल्क एवं कर लेकर उसकी वैधानिक पुष्टि की जा रही है। जनपद में बोल्डर, गिट्टी, बालू, मोरंग आदि लादकर प्रतिदिन लगभग पांच हजार ट्रकों द्वारा विभिन्न विभागों के संरक्षण में बेधड़क ओवर लोड़िग की जा रही है तथा परिवहन विभाग द्वारा सिर्फ कागजों पर कार्यवाही कर खानापूर्ति की जा रही है जोकि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना के साथ-साथ गम्भीर भ्रष्टाचार का प्रकरण है। 

5.    जनपद सोनभद्र स्थित वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर माल वाहकों की ओवर लोड़िग एवं सड़कों का पर्याप्त अनुरक्षण न होने के कारण सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है तथा माल वाहकों की ओवर लोड़िग पर प्रभावी अंकुश न होने के कारण प्रतिदिन दिन ओवर लोड़िग एवं सड़कों के खराब होने के कारण माल वाहक सड़क पर ही खराब हो जाते हैं जिस कारण वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग डाला से सुकृत के बीच प्रतिदिन घण्टो जाम रहता है। उक्त मार्ग के जाम होने के कारण कई गम्भीर रूप से बीमार व्यक्ति जिन्हे चिकित्सा हेतु वाराणसी ले जाया जाता है उन्हे घण्टो जाम में फंसे रहने के कारण कई बार उनकी असमायिक मृत्यु हो जाती है या स्थिति अत्यन्त गम्भीर हो जाती है। पुलिस द्वारा हस्तक्षेप पर सड़क जाम खुलवाने की स्थिति में वाहनों को तेज गति से अपने गन्तव्य तक पहुंचाने का प्रयास चालकों द्वारा किया जाता है जिससे सड़क दुर्घटना में वृद्धि होती है। 

6.    जनपद सोनभद्र में खनिजों/उप खनिजों एवं वनोपजों/अन्य वनोपजों का अवैध खनन एवं अभिवहन संगठित अपराध का रूप ले चुका है। अवैध खनन एवं परिवहन में राज्य सरकार के प्रभावी लोगों एवं माफियाओं के हस्तक्षेप के कारण प्रभावी कार्यवाही करने में राज्य सरकार असक्षम है। विगत वर्ष से राज्य सरकार द्वारा व्यापारकर, वन विभाग, पाषण विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा स्थापित खनिजों/उप खनिजों एवं वनोपजों/अन्य वनोपजों के अभिवहन पर कर एवं अभिवहन शुल्क तथा लदे हुए वस्तुओं की जांच के लिए बनाये गये चेक पोस्ट बैरियरों को समाप्त कर दिये जाने के बाद सरकार का नियन्त्रण अवैध एवं खनन-परिवहन पर शून्य हो गया है। जिससे जनपद में अवैध खनन एवं परिवहन में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है जिसका सीधा असर वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग के सड़क सुरक्षा पर पड़ा है तथा सड़क दुर्घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है एवं राज्य सरकार को करोड़ों रूपये के राजस्व की क्षति पहुंची है।
7.    जनपद सोनभद्र मे विगत वर्ष से राज्य सरकार द्वारा वन चेक पोस्ट को समाप्त कर दिये जाने के कारण वनोपजो/अन्य वनोपजो के अवैध अभिवहन पर वन विभाग का नियंत्रण समाप्त हो गया है तथा वन अधिनियम-1927, वन संरक्षन अधिनियम 1980 एवं उत्तर प्रदेश इमारती लकडी एवं अन्य वनोपज अभिवहन नियमावली-1978 का प्रभावी न हो पाना वन सम्पदाओ के साथ-साथ सडक सुरक्षा के लिए जोखिम बढ़ा रहा है।
8.    जनपद सोनभद्र में वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग की 145 किमी सड़क मिर्जापुर वन प्रभाग, कैमूर वन्य जीव वन प्रभाग, सोनभद्र वन प्रभाग, ओबरा वन प्रभाग एवं रेनुकूट वन प्रभाग में स्थित है उत्तर प्रदेश इमारती लकडी एवं अन्य वनोपज अभिवहन नियमावली-1978 की धारा 19 जिसके तहत वनोपजों/अन्य वनोपजों का अभिवहन सूर्यास्त के बाद एवं सूर्योदय के पूर्व बिना प्रभागीय वनाधिकारी की अनुमति के प्रतिबन्धित है परन्तु वन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण उक्त नियमावली सिर्फ अवैध आय का स्त्रोत बनकर रह गयी है तथा मालवाहकों द्वारा सूर्यास्त के बाद एवं सूर्याेदय के पूर्व विभागीय संरक्षण में अवैध रूप से वनोपजों/अन्य वनोपजों का अभिवहन किया जा रहा है जिससे वन सम्पदाओं के अवैध अभिवहन के साथ-साथ सड़क दुर्घटनाओं में भी अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हो रही है।
9.    जनपद सोनभद्र (उत्तर-प्रदेश) एवं सीमावर्ती राज्यों में स्थापित विद्युत परियोजनाओं से उत्सर्जित होने वाली लाखों टन राख को माल वाहकों पर लादकर विभिन्न स्थानों के लिए वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग से अभिवहन किया जाता है। सरकारी एवं निजी विद्युतगृहों द्वारा अपने प्रतिष्ठान से माल वाहकों की भार क्षमता से तीन से चार गुना अधिक राख दिया जाता है जिस कारण मालवाहकों की ओवर लोड़िग के कारण वैसे राख लदे माल वाहक सुगमता पूर्वक वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग के चढ़ाईयों एवं घाटियों पर आसानी से अभिवहन नहीं कर पाते तथा उनके द्वारा टनो-टन राख सड़क पर ही गिराकर माल वाहक को अभिवहन अनुकूल बनाया जाता है। जिन मालवाहकों से राखों का अभिवहन किया जा रहा है उनकी बनावट एवं ओवर लोड़िग के कारण वे सर्वाधिक दुर्घटना वाली मालवाहकों के रूप में उन्हे जाना जाता है। उनके द्वारा सड़क पर ही हजारों टन राख गिरा दिया जाता है जिससे सड़क पर अभिवहन करने वाले अन्य वाहनों के लिए भी जोखिम बढ़ रहा है गम्भीर प्रदूषण संकट के साथ-साथ दुर्घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है।

10.    जनपद सोनभद्र (उत्तर-प्रदेश) एवं सीमावर्ती राज्यों में स्थापित सरकारी एवं निजी औद्योगिक संस्थाओं द्वारा अपने यहां ओवर लोड मालवाहकों से माल स्वीकार करने एवं माल वाहकों को ओवर लोड़ माल देने के कारण ओवर लोड़िग को बढ़ावा मिल रहा है।विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं में परिवहनकर्ताओं द्वारा अपने ड्राइवरों से मानको के विरूद्ध कार्य लिये जा रहे है तथा उन्हे अधिक से अधिक चक्कर लगाने के लिए प्रेरित कर उन्हे आर्थिक प्रलोभन दिया जाता है जिसका असर सड़क सुरक्षा पर पड़ रहा है एवं सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है।

 

11.    जनपद सोनभद्र में स्थित क्रशर एवं पत्थर के खदानों को वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर ही खनन एवं क्रशर उद्योग स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा लाइसेन्स निर्गत किये गये हैं। क्रशर एवं पत्थर के खदानों में प्रदूषण नियन्त्रण के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। बिल्ली-डाला खनन क्षेत्र में पड़ने वाली लगभग 20 किलोमीटर की वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर क्रशरों एवं खदानों से निकलने वाले राख एवं अन्य प्रदूषण के कारण पूरा क्षेत्र धुन्ध से घिरा रहता है दिन में ही सड़क पर आसानी से पैदल नहीं चला जा सकता है। सड़कों पर आच्छादित राख एवं धुन्ध के कारण वाहनों का नियन्त्रण/सन्तुलन प्रभावित रहता है जिसके कारण उक्त क्षेत्र में पड़ने वाले मार्ग जनपद की सर्वाधिक दुर्घटना बाहुल्य सड़क है तथा उक्त क्षेत्र में रहने वाले लोगों पर क्रशर एवं खदानों से उड़ने वाली राख तथा राज मार्ग पर उड़ने वाली धूल का असर उनके फेफड़ों पर पड़ रहा है जिसके कारण सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2009 से अक्तूबर 15, 2009 तक उक्त चिन्हित क्षेत्र में ही 950 क्षय रोगियों को चिन्हित किया गया है जोकि उत्तर-प्रदेश में सर्वाधिक हैं।
सड़क दुघर्टनाओं के रोक थाम के उपायः-
1.    वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर जनपद सोनभद्र मे सुकृत से शक्तिनगर तक अविलम्ब समयवध फोरलेन सडक के निर्माण के लिए राज्य सरकार एवं लगभग 145 किलोमीटर की सडक पर पच्चास किलोमीटर हाथीनाला-औडीमोड प्रस्तावित एनएच 75 ई, रीवा-रांची मार्ग के अविलम्ब निर्माण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (पोत परिवहन, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय), जी-5 एवं 6, सेक्टर-10, द्वारिका, नई दिल्ली-110075 को आदेशित किया जाय।
2.    वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर सडक दुर्घटनाओ के  रोकथाम के लिए एक उच्च स्तरीय सडक सुरक्षा समिती बनाइ जाए। जिसमे सहयोग (एनजीओ) को भी सदस्य के रूप मे रखा जाए तथा सडक सुरक्षा के सन्दर्भ मे दिये गये सुझावों एवं कि गई कार्यवाहीयो की समीक्षा न्यायालय द्वारा कराई जाए।
3.    सडक सुरक्षा के लिए जनपद सोनभद्र मे परिवहन, पुलिस, खनिज, वन, सरकारी एवं निजी संस्थानो की जिम्मेवारी सुनिश्चत कि जाए। तथा भ्रष्टाचार मे लिप्त विभागीय अधिकारयो के विरूद्ध कठोर कार्यवाही कि जाए।
4.    जनपद सोनभद्र मे खनिजो/उपखनिजो के अवैध खनन एवं परिवहन पर स्थाई एवं प्रभावी अंकुश लगाया जाय।
5.    जनपद सोनभद्र मे ट्रामा सेंटर एवं ब्लड बेैंक की स्थापना की जाय जिससे सडक दुर्घटनाओं मे गम्भीर रूप से घायलो को अविलम्ब चिकित्सिय सुविधा उपलब्ध करायी जा सके।
6.    जनपद सोनभद्र मे वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग के दुर्घटना बाहुल्य सड़क पर छोटे वाहनो का सड़क पर दबाव कम करने के लिये अविलम्ब औड़ी-खजुरा-ओबरा मार्ग बनाई जाय। 
पंकज मिश्रा 
नोट :- सोनभद्र की "किलर रोड" पर सड़क दुर्घटनाओ को रोकने के लिए सुझाए गए ये उपाय पंकज मिश्रा, सचिव "सहयोग" (गैर सरकारी संस्था) जी के है.

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