बढ़ती ट्रैफिक और सिकुड़ते चैराहे सुगम यातायात की राह का सबसे बड़ा रोड़ा बन गए हैं। पड़ाव काषी मोड़-औड़ी मोड़ का दस वर्ष पहले का नजारा कुछ और था, तब सड़कें चैड़ी और चैराहा खुला नजर आया करता था लेकिन अब अतिक्रमण से सिकुड़ते जा रहे हैं। कई बार चैराहे को अतिक्रमण मुक्त करने की दिशा में भी कदम उठाए गए। इन प्रयासों की बदौलत एकबारगी चैराहे की चमक निखरने की आस नजर आई लेकिन फिर अचानक सारी कवायदें थम सी गईं।
देखरेख का कोई बंदोबस्त न होने और अतिक्रमण का सिलसिला बदस्तूर जारी रहने से हालात बद्तर हो गए। चैराहे चारों तरफ से अतिक्रमण की चपेट में आ गया है। पुलिसवालों की इनायत से चैराहे पर जहां-तहां सवारी बैठाने के लिए निजी सवारी वाहनों की होड़ भी कम नहीं। यही नहीं, नाला निर्माण का उद्देष्य भी अधूरा पड़ा है। इससे गंदगी की भरमार ने और मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। निकासी न होने से पानी सड़क पर ही जमा हो रहा है। चैराहा और पास के इलाकों में इससे नरकतुल्य हालात उत्पन्न हो गए हैं।
विभागीय अनदेखी पर गुस्सा:-
शक्ति आनन्द |
नाला निर्माण का उद्देष्य भी अधूरा पड़ा हुआ है। इससे चैराहो और आसपास में गंदगी, जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। औड़ी के चैराहे के सौंदर्यीकरण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई। सतही तौर पर जैसे-तैसे काम कराकर धन खर्च कर दिया गया है-शक्ति आनन्द, ग्राम पंचायत सदस्य-औड़ी।
पंकज कुमार मिश्रा |
चैराहे पर अतिक्रमण से खासी दिक्कतें हो रही हैं। सड़कें तंग होती जा रही हैं। इस ओर ध्यान दिलाने के बाद भी अफसर बेपरवाह बने हुए हैं। सुगम यातायात के लिए जरूरी है कि चैराहे को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए -पंकज कुमार मिश्रा, समाज सेवी
ओंकार केषरी |
चैराहे के सौंदर्यीकरण के नाम पर लाखों खर्च किए गए लेकिन काम क्या कराया गया यह समझ से परे है। यहां स्थिति तो पहले से भी बदतर हो गई है। अधूरे कार्यों को तत्काल पूरा कराकर व्यवस्था सुदृढ़ की जानी चाहिए-ओंकार केषरी, भाजपा नेता