बुधवार, 24 जून 2015

हकीकत से दूर हैं सरकारी आंकड़े!

Shakti Anand Kanaujiya
जनहित में चलायी जा रही तमाम योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंच रहा है। आला अफसर इन योजनाओं को इस तरह क्रियान्वयित करते है जिससे जनता को योजना का लाभ मिले या मिले। लेकिन उनकी जेबें गर्म हो जाय। मजेदार बात यह हैं कि इन योजनाओं को सरकारी आंकड़ों में दुरुस्त दिखाया जाता है। योजनाओं का लाभ जरुरत मंदों तक कितना पहुंच रहा है यह किसी से छिपा नहीं है। रोज पात्र विभाग का चक्कर लगा कर चले जाते हैं उनकी कहीं सुनवायी नहीं होती है। साहब से मिलने की बात ही दूर है कर्मचारी है उन्हें डांट कर भगा देते है। ऐसे में वह कहां जाय उन्हें समझ में नहीं आता है। वहीं साहब कागजों में योजनाओं का क्रियान्वयन बेहत्तर दिखाते हैं और आंकड़ों में भी कही कमी नहीं रखते है। सरकारी कागजो में सब कुछ दुरुस्त रहता है लेकिन जमीनी हकीकत तलाशी जाय तो बहुत गड़बड़झाला दिखायी देगा। ऐसे में सरकार को ही इस तरफ कोई ठोस कदम उठाना होगा।  http://shakti-anand.blogspot.com

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