सोमवार, 7 मई 2012

चैथी बार विस्थापन का भय


डाला स्थित सीमेंट बनाने वाली कंपनी द्वारा स्थानीय भलुआ टोला में मलिन बस्ती के लगभग दो दर्जन मकानों में रहने वाले लोगों को बेदखल करने के उद्देश्य से बाउंड्री का निर्माण कराया जा रहा है, जिसका स्थानीय लोगों ने जम कर विरोध किया। रहवासियों ने बताया कि सीमेंट कंपनी का कहना है कि उक्त क्षेत्र भलुआ माइंस के परिधि में आती है इसलिए उक्त स्थान पर बाउंड्री का निर्माण कराया जा रहा है। विगत 40 वर्षों से निवास कर रहे दलितों को अपने आशियाना उजड़ जाने की खौफ सताए जा रहा है। रहवासियों की मांग है कि उक्त कंपनी व प्रशासन द्वारा आवास व पीने के लिए पानी की व्यवस्था कराई जाए तब जाकर बाउंड्री का कार्य कंपनी द्वारा कराया जाय अन्यथा बड़े पैमाने पर आंदोलन होगा। जिले में दलितों का उत्पीड़न हो रहा है। कहा कि जेपी समूह द्वारा बाउंड्रीवाल कार्य को रोकते हुए सर्वप्रथम इनके रहने के लिए घर व पीने के लिए पानी की व्यवस्था करे। इसके पूर्व भी जेपी समूह द्वारा यह बस्ती उजड़वाने का प्रयास किया जा चुका था लेकिन जन आक्रोश को देखते हुए जेपी समूह पीछे हट गया। भलुआ टोला में लगभग चालीस वर्षों से तीसरी बार विस्थापित होकर रह रहे दलित आदिवासियों को फिर एक बार उजाड़ कर उन्हें बेघर कर दिया गया। ओबरा विद्युत नगरी से सटे भलुआ टोला क्षेत्र में लगभग एक हजार से भी अधिक दलित आदिवासियों को अपना आशियाना उजाड़े जाने का भय खाए जा रहा है। वर्तमान स्थिति में भलुआ माइंस के अस्तित्व में आने के पहले ही यह बस्ती आबाद हो चुकी थी। उधर जेपी समूह के सीनियर मैनेजर सुधीर मिश्रा ने बताया कि जिन लोगों को बाउंड्री से तकलीफ है वे हमसे मिले हम मामले को समझ कर मैनेजमेंट को बताएगें। रही बात पानी और अन्य जन कल्याण कार्यक्रमों की तो इसके लिए जेपी समूह हर समय तैयार है।

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