सोमवार, 3 दिसंबर 2012

बाजार में जाने से भी लोग कतराने लगे हैं


ऊर्जांचल के सबसे बड़े बाजार के रूप से विख्यात अनपरा बाजार का मेन आने जाने का तिराहा कूड़ा घर के रूप में तब्दील नजर आ रहा है। अनपरा बाजार तथा साप्ताहिक बाजार के अवशिष्ट पदार्थों से पटे अनपरा तिराहे से भयंकर बदबू के चलते वहा से गुजरने वालों के शरीर से सिहरन पैदा हो जाती है। रुमाल अथवा हथेलियों से नाक बंद करने के बाद भी सड़े मांस की मानिंद कूड़े से उठती बदबू के चलते लोगों ने बाजार में आना ही बंद कर दिया है।
अनपरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष गोपाल गुप्ता ने आक्रोश जताते हुए कहा कि जिला पंचायत विभाग पर अनपरा बाजार से तहबाजारी वसूलने तथा साफ सफाई कराने की जिम्मेदारी है लेकिन पिछले कई माह से अनपरा बाजार में सफाई के रूप में एक धेला भी इधर से उधर नहीं किया गया है। बाजार निवासीयों ने कहा कि अगर अनपरा तिराहे के अलावा भी पूरे बाजार में दर्जनों स्थान कूड़े से पट गए है, आलम यह है कि लोगों को खुद अपने आसपास के सड़क की सफाई करनी पड़ती है। अनपरा बाजार में ही व्यवसाय करने वाले व्यापारियों ने गंदगी से नाक भौं सिकोड़ते हुए कहा कि बाजार का मेन तिराहा सहित अधिकांश भाग गंदगी से पट गया है। इसके चलते व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। बाजार में दुकान चलाने वाले व्यक्ति ने कहा कि जिला पंचायत अधिकारी को खुद आकर अनपरा बाजार का हाल देखना चाहिए। कहा कि राजस्व की वसूली ही जिला पंचायत की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि साफ-सफाई कराना भी जिला पंचायत का दायित्व है। लोगों ने चेताया कि अगर शीघ्र गंदगी से पट चुके अनपरा बाजार की सफाई नहीं कराई गई तो गंदगी से पट चुकी नालियों का पानी ओवर फ्लो होकर लोगों के दुकानों तथा घरों में प्रवेश कर जाएगा।

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