जनसंख्या में कम, लेकिन राजनीति में अहम स्थान रखने वाले प्रदेश के सबसे पुराने टाउन एरिया के रूप में घोरावल नगर पंचायत को जाना जाता है। इसके बाद भी यहां समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कम होने की बजाय समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं। साढ़े सात हजार की आबादी वाले घोरावल नगर पंचायत में पिछले कार्यकाल में कार्य तो जरूर हुए, लेकिन नाकाफी रहे। नगर का विकास तो दूर की बात पहले तो समस्याओं को दूर करना है। ऐसे में नगर का विकास कराने का जिम्मा नगर अध्यक्ष को ही उठाना होगा। दस वार्डों में फैले इस नगर पंचायत में सबसे ज्यादा पानी की समस्या बनी हुई है। हर वार्ड में पानी नहीं पहुंच पा रहा है और जल निकासी का समुचित प्रबंध भी नहीं किया गया है।
नई बस्तियों में तो पानी की सप्लाई के लिए पाइप अभी बिछाई ही नहीं गई है। कुछ वार्डों में नालियां बनी ही नहीं हैं और जिन वार्डों में बनी भी हैं, तो वह या तो टूटी हुई हैं या फिर कूड़ों के ढेर से पट चुकी हैं। सफाई कर्मियों की कमी के चलते नगर पंचायत में साफ सफाई का कार्य भी ठप है। वहीं नगर में जहां खड़ंजा लगाया गया है, वह आधे से अधिक निकल कर इधर उधर बिखर गए हैं। उनकी मरम्मत कराना भी अध्यक्ष के लिए बड़ी चुनौती होगी। नगर में कुछ ऐसी बस्तियां बाकी हैं, जहां बरसात के दिनों में यहां के रहवासियों को आने जाने के लिए कीचड़ से जंग लड़ना पड़ता है। ऐसे में इन बस्तियों में खड़ंजा लगाने की तत्काल आवश्यकता है।वहीं नगर के हैंडपंपों की स्थिति दयनीय है। जलस्तर इतना गिर चुका है कि वे पानी देना तो दूर की बात मरम्मत के अभाव में शो पीस बन कर रह गए हैं। ऐसे में सबमर्सिबल से पानी की आपूर्ति कराने के अलावा अन्य कोई उपाय नहीं बचता। व
नगर पंचायत के विकास के संदर्भ में नगर के अध्यक्ष संजय कुमार जायसवाल का कहना है कि नगर की समस्याओं को मैंने बहुत नजदीक से देखा है। समस्याओं के क्रम में पानी की आपूर्ति व जल निकासी की समस्या सबसे अहम मुद्दा है। उन्होंने कहा कि नगर में पानी की आपूर्ति के लिए सबमर्सिबल की व्यवस्था की जायेगी। जहां तक पानी की निकासी की बात है, तो इसके लिए 56 लाख का प्रोजेक्ट बनाकर भेजा गया था। वह पैसा जैसे ही मिलता है, पानी निकासी की समस्या दूर कर दी जाएगी। नालियों की साफ सफाई पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर सफाईकर्मी को भी रखा जाएगा। सुलभ शौचालय की बात करते हुए उन्होंने कहा कि नगर में कम से कम दो सुलभ शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। जो भी कार्य अधूरे रह गए हैं, उसे पूरा करने का यथासंभव प्रयास किया जाएगा।
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