रविवार, 10 मार्च 2013

राशन लेने के लिए तीस किमी तक पैदल चलना पड़ता है,

" जिले के कई भाठ एवं दूरूह क्षेत्रों में सार्वजानिक वितरण प्रणाली का हाल बुरा"

PDS
गरीब परिवारों को सस्ते दर पर खाद्या्न उपलब्ध कराने के नाम पर जिले में कई पंचायत में अब तक राशन दुकान एवं सुलभ वितरण हेतु कई नजदीकी भण्डार नही खुल पायी है। इन पंचायतो के कई आश्रित ग्रामों को तो तीस किमी तक राशन लेने के लिए पैदल चलना पड़ता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के भाठ क्षेत्र में कही-कही पर ही ग्रामीण राशन दुकान है। इनमे से कई तो पहुंच विहीन व नक्सल प्रभावित क्षेत्रो में है। जिला मुख्यालय से मात्र तीस किमी दूर जुगैल ग्राम पंचायत के लगभग 15 से ज्यादा टोलो के लोगों को राशन लेने 10 से 15 किमी की यात्रा करके राषन लेने आना पड़ता है। इसमे कुलडोमरी ग्राम पंचायत एवं व बेलहत्थी ग्राम पंचायत का भी यही हाल है। हजारों ग्रामीणो को कोसो पैदल या जीप से के रास्ते 10 से 15 किमी से ज्यादा सफर करना पड़ता है। चोपन सहित म्योरपुर विकासखंण्ड के लगभग 20 से 25 ग्राम पंचायतों का यही हाल है। पनारी, बैरपुर, परसोई एवं कुलडोमरी ग्राम पंचायत का है जहा सबसे ज्यादा बुरी स्थिति मेड़रदह, पनारी, गाढ़ापाथर, अरंगी इत्यादि की है, जहां कई राशन दुकान 10 से अथवा उसके भीतर की परिधी में है। जिसके कारण ग्रामीण इन दुकानों में आने से परहेज करते है। कई ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों का कहना है कि अंदरूनी क्षेत्रो में राशन दुकान नही खुल पाने का कारण पहुंच की समस्या के अलावा ग्राम पंचायतो के इनके सुचारू रूप से लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। 

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