- अनपरा थर्मल पावर और उप्र विद्युत निगम ने कहा सुप्रीम कोर्ट से
- मिर्जापुर में 1978 से 1984 से के बीच हुआ था अधिग्रहण
25 हजार आदिवासियों के पुनर्वास और पुर्नस्थापन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश विद्युत निगम व अनपरा थर्मल पावर ने राज्य सरकार की नीति के तहत जमीन के बदले प्लाट और मुआवजा देने को कहा है। हालांकि याचिकाकर्ता का कहना है कि दोनों प्रतिवादी उन आदिवासियों के परिवार के सदस्यों को नौकरी देने से इनकार कर रहे हैं जिनकी पूरी जमीन अधिग्रहीत की गई थी जबकि राज्य सरकार की नीति के तहत ऐसे मामले में नौकरी देने का प्रावधान है।
गौरतलब है कि मिर्जापुर के दुद्धी में आदिवासियों की जमीन का अधिग्रहण राज्य सरकार की ओर से 1978 से 1984 से दौरान किया गया था। इसके बाद से आदिवासियों के पुनर्वास और पुनर्स्थापन का विवाद जारी है।
गौरतलब है कि मिर्जापुर के दुद्धी में आदिवासियों की जमीन का अधिग्रहण राज्य सरकार की ओर से 1978 से 1984 से दौरान किया गया था। इसके बाद से आदिवासियों के पुनर्वास और पुनर्स्थापन का विवाद जारी है।
PANKAJ MISHRA |
याचिकाकर्ता पंकज मिश्रा व सहयोग सोसाइटी के अनुसार केंद्र की ओर से साल 2003 में पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन की नीति जारी की गयी थी। लेकिन राज्य सरकार की ओर से 2011 में इस नीति को लागू किया गया जबकि मिर्जापुर में 25 साल पहले अधिग्रहण किया गया। अब भूमि की एवज में आदिवासियों के पुनर्वास और पुनर्स्थापन को लेकर गंभीर नहीं है। राज्य सरकार के दोनों प्राधिकरण परिवारों को जमीन के बदले प्लाट देने और मुआवजा देने को तैयार हैं लेकिन जिन परिवारों की पूरी जमीन का अधिग्रहण किया गया है। उन्हें नौकरी देने से इंकार कर रहे हैं जबकि यह प्रावधान राज्य सरकार की नीति में शामिल है। राज्य के प्राधिकरण सरकार की नीति का पालन नहीं कर रहे हैं।
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