उर्जान्चल में कई स्थानों के बस स्टैंड कहने को तो बस स्टैंड है, पर हकीकत तो ये है कि विभिन्न दिशाओं में जाने वाली अधिकाँश सवारियां बस स्टैंड के बाहर पान दुकानों एवं चाय की दुकानों को बस स्टैण्ड बना चुकी है व सवारिया हमेषा वही खड़ी मिलती है। बस स्टैंड के सामने की पान दुकानों एवं चाय की दुकाने ही सवारियों को बिठाने और उतारने के लिए प्रयोग में लायी जाती है। अगर बस स्टैंड में यात्रियों के लिए मौजूद सुविधाओं की बात की जाय तो यहाँ ऐसा कुछ नही है। दुकानें भी नहीं उपलब्ध है तथा पुरुष तथा महिला यात्रियों के न तो यहाँ बैठने की व्यवस्था है और न ही कोई बाथरूम, यात्रीगण अपने बैग और ब्रीफकेश पर बैठकर काम चलाते हैं। यहाँ बाथरूम नहीं रहने से लोग यत्र-तत्र दीवार पर पेशाब करते नजर आ सकते हैं। दुखद स्थिति यह है कि वही आपको सटे चाय की दुकान मिलेगी जहाँ लोग बैठकर चाय की चुस्कियों के बीच आने वाली सवारी का इन्तजार करते रहते हैं। इस ब्लाग की के किसी भी लेख से कोई व्यवसायीक लेन-देन नहीं है। यह सारे लेख सोनभद्र की समस्याओं एवं सामाजिक पहलुओं से जुड़े है। हमारा मानना है की ज्ञान समाज के विकास के लिए होता है यदि कहीं से ली गयी किसी सामाग्री पर किसी कों आपत्ति है तो हमें सूचित करे हम उसे हटा देंगे। ---धन्यवाद!---- सम्पर्क करेः shakti.anpara@gmail.com Mob: 07398337266, PH: 05446-272012
मंगलवार, 20 दिसंबर 2011
सुविधाविहीन है उर्जान्चल के बस स्टैंड
उर्जान्चल में कई स्थानों के बस स्टैंड कहने को तो बस स्टैंड है, पर हकीकत तो ये है कि विभिन्न दिशाओं में जाने वाली अधिकाँश सवारियां बस स्टैंड के बाहर पान दुकानों एवं चाय की दुकानों को बस स्टैण्ड बना चुकी है व सवारिया हमेषा वही खड़ी मिलती है। बस स्टैंड के सामने की पान दुकानों एवं चाय की दुकाने ही सवारियों को बिठाने और उतारने के लिए प्रयोग में लायी जाती है। अगर बस स्टैंड में यात्रियों के लिए मौजूद सुविधाओं की बात की जाय तो यहाँ ऐसा कुछ नही है। दुकानें भी नहीं उपलब्ध है तथा पुरुष तथा महिला यात्रियों के न तो यहाँ बैठने की व्यवस्था है और न ही कोई बाथरूम, यात्रीगण अपने बैग और ब्रीफकेश पर बैठकर काम चलाते हैं। यहाँ बाथरूम नहीं रहने से लोग यत्र-तत्र दीवार पर पेशाब करते नजर आ सकते हैं। दुखद स्थिति यह है कि वही आपको सटे चाय की दुकान मिलेगी जहाँ लोग बैठकर चाय की चुस्कियों के बीच आने वाली सवारी का इन्तजार करते रहते हैं।
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