मंगलवार, 20 दिसंबर 2011

नशे की गिरफ्त में आ रहे उर्जांचल के युवा व बच्चे

उर्जांचल के युवाओं में नशे का क्रेज दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। क्रेज इतना कि अब स्कूली बच्चे भी इसकी जद में आ रहे है। सिगरेट व जर्दा वाले पाउच तो आम बात हैं, भांग गांजा व शराब का सेवन भी अधिकतर युवाओं की पसंद बन गयी है। स्कूली बच्चे और कुछ युवाओं ने तो नशे की ऐसी-ऐसी सामग्रियों का ईजाद कर लिया है कि अगर इनके अभिभावकों को ये बातें पता चले तो उनके पाँव तले जमीन खिसक जायेगी। अभिभावक सोच भी नहीं सकते कि इनके बच्चे ह्वाईटनर, इरेजर, कफ सीरफ, थिनर, सुलेशन और बोनफिक्स, आयोडेक्स जैसी चीजें भी नशे के लिए प्रयोग कर रहे हैं जो घर के लोगों की नजरों से आसानी से बच जाते हैं। इनमे से कुछ चीजें सूंघने के काम में आती हैं। नशे की आदत से उर्जान्चल के कुछ युवा इतने मजबूर हो चुके हैं कि वे अब नशे की सूई तक लेने लगे हैं। ये दवाइयों की दूकान से मार्फिन, टेडिजोसिक, फोट्रीन, कैलमपोज व पैक्सम के अलावा लारजेक्टिल खरीद कर इसे नशे के रूप में उपयोग में ला रहे हैं। माना जाता है कि इन दवाईयों का प्रयोग वे ही करते हैं जिनपर हेरोईन भी अपना असर नहीं दिखा पाती है।

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