कर्मीयो को नही मिल रहा समुचित चिकित्सा और उपचार
रेलवे स्टेशन सिंगरौली में पदस्थ करीब 350 कर्मचारियो एवं उनके परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए स्थापित रेल स्वास्थ्य केन्द्र में अव्यवस्थाओ का आलम बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ चिकित्सक आये दिन नदारत रहते है। स्वास्थ्य केन्द्र अपने निर्धारित समय पर नही खुलने से रेल कर्मियो में असंतोष व्याप्त है। स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ चिकित्सक के नदारत रहने से रेल कर्मचारीयो को अपना एवं परिवार का उपचार कराने निजी चिकित्सालय या झोला छाप डाक्टरो के शरण में जाना पड़ता है। रेलवे स्टेशन पर यदि किसी यात्री की अचानक तबियत खराब हो जाती है तो उसका प्राथमिक उपचार भी नही हो पाता। उसे स्टेशन से तीन किमी दूर स्थित चिकित्सालयो में जाना पड़ता है। स्वास्थ्य केन्द्र में अव्यवस्था के कारण रेल कर्मी निजी चिकित्सको की शरण में जाने को मजबुर हो जाते है या उन्हे दूसरे स्टेशन के चिकित्सालय में जाकर उपचार करानी पड़ती है। बताया गया है कि जब अन्य स्टेशनो के स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक अवकाश पर रहते है तो उनके स्थान पर सिंगरौली के चिकित्सक की डियूटी लगा दी जाती है लेकिन जब सिंगरौली में पदस्थ चिकित्सक छुट्टी पर चले जाते है तो उनके स्थान पर किसी चिकित्सक की डियूटी नही लगायी जाती है। नतीजन हप्ते पखवाड़े तक स्वास्थ्य केन्द्र बिना चिकित्सक के चलते रहता है।
कम्पाउंडर के भरोसे चल रहा स्वास्थ्य केन्द्र
रेलवे स्टेशन सिंगरौली का स्वास्थ्य केन्द्र एक कम्पाउन्डर के भरोसे चल रहा है। रेल कर्मियो की स्वास्थ्य की देखभाल के लिए स्थापित स्वस्थ्य केन्द्र शोपिस बनकर रह गया है। चिकित्सक की गैर मौजूदगी में रेल कर्मियो के बीच कोई बड़ी घटना हो जाये या कोई बीमार पड़ जाये तो उनकी देखरेख के लिए कोई व्यवस्था नही की गयी है अंततः उन्हे कम्पाउंडर के भरोसे ही अपना उपचार कराना पड़ता है। सूत्रो की माने तो स्वास्थ्य केन्द्र निर्धारित समय पर खुलने की बजाय कम्पाउंडर के मनमाने ढ़ंग से खुलता है जहां पर उपचार कराना नामुमकिन हो रहा है।
स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्था सुधारने की मांग
सिंगरौली रेलवे स्टेशन में पदस्थ करीब 350 कर्मचारीयो एवं उनके परिवार की देखभाल के लिए स्थापित स्वास्थ्य केन्द्र शोपिस बनकर रह गया। रेल कर्मियो के परिजनो को इस स्वास्थ्य केन्द्र का समुचित लाभ नही मिल रहा है। रेल कर्मियो ने रेलवे के उच्च प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कर विभागीय स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सक व्यवस्था में सुधार लाने की मांग की है। जिससे रेल कर्मियो एवं परिवार को समय पर स्वास्थ्य केन्द्र का लाभ मिल सके।
रेलवे स्टेशन सिंगरौली में पदस्थ करीब 350 कर्मचारियो एवं उनके परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए स्थापित रेल स्वास्थ्य केन्द्र में अव्यवस्थाओ का आलम बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ चिकित्सक आये दिन नदारत रहते है। स्वास्थ्य केन्द्र अपने निर्धारित समय पर नही खुलने से रेल कर्मियो में असंतोष व्याप्त है। स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ चिकित्सक के नदारत रहने से रेल कर्मचारीयो को अपना एवं परिवार का उपचार कराने निजी चिकित्सालय या झोला छाप डाक्टरो के शरण में जाना पड़ता है। रेलवे स्टेशन पर यदि किसी यात्री की अचानक तबियत खराब हो जाती है तो उसका प्राथमिक उपचार भी नही हो पाता। उसे स्टेशन से तीन किमी दूर स्थित चिकित्सालयो में जाना पड़ता है। स्वास्थ्य केन्द्र में अव्यवस्था के कारण रेल कर्मी निजी चिकित्सको की शरण में जाने को मजबुर हो जाते है या उन्हे दूसरे स्टेशन के चिकित्सालय में जाकर उपचार करानी पड़ती है। बताया गया है कि जब अन्य स्टेशनो के स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक अवकाश पर रहते है तो उनके स्थान पर सिंगरौली के चिकित्सक की डियूटी लगा दी जाती है लेकिन जब सिंगरौली में पदस्थ चिकित्सक छुट्टी पर चले जाते है तो उनके स्थान पर किसी चिकित्सक की डियूटी नही लगायी जाती है। नतीजन हप्ते पखवाड़े तक स्वास्थ्य केन्द्र बिना चिकित्सक के चलते रहता है।
कम्पाउंडर के भरोसे चल रहा स्वास्थ्य केन्द्र
रेलवे स्टेशन सिंगरौली का स्वास्थ्य केन्द्र एक कम्पाउन्डर के भरोसे चल रहा है। रेल कर्मियो की स्वास्थ्य की देखभाल के लिए स्थापित स्वस्थ्य केन्द्र शोपिस बनकर रह गया है। चिकित्सक की गैर मौजूदगी में रेल कर्मियो के बीच कोई बड़ी घटना हो जाये या कोई बीमार पड़ जाये तो उनकी देखरेख के लिए कोई व्यवस्था नही की गयी है अंततः उन्हे कम्पाउंडर के भरोसे ही अपना उपचार कराना पड़ता है। सूत्रो की माने तो स्वास्थ्य केन्द्र निर्धारित समय पर खुलने की बजाय कम्पाउंडर के मनमाने ढ़ंग से खुलता है जहां पर उपचार कराना नामुमकिन हो रहा है।
स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्था सुधारने की मांग
सिंगरौली रेलवे स्टेशन में पदस्थ करीब 350 कर्मचारीयो एवं उनके परिवार की देखभाल के लिए स्थापित स्वास्थ्य केन्द्र शोपिस बनकर रह गया। रेल कर्मियो के परिजनो को इस स्वास्थ्य केन्द्र का समुचित लाभ नही मिल रहा है। रेल कर्मियो ने रेलवे के उच्च प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कर विभागीय स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सक व्यवस्था में सुधार लाने की मांग की है। जिससे रेल कर्मियो एवं परिवार को समय पर स्वास्थ्य केन्द्र का लाभ मिल सके।