रविवार, 26 अप्रैल 2015

सिंगरौली के रेलवे वे-ब्रीज में सीबीआई का छापा

-शक्ति आनन्द कनौजिया
सिंगरौली रेलवे स्टेशन का वेब्रीज
सिंगरौली के रेलवे वे-ब्रीज (तौल ब्रिज) में गम्भीर अनियमितता की जाँच हेतु जबलपुर की सीबीआई टीम ने सिंगरौली स्टेशन के रेलवे वे ब्रीज पर छापा मारकर जांच की। जिसमें भारी अनियमिता मिलने पर ब्रिज में लगे कप्यूटर, पुराने प्रिंट आउट, एवं बैगन वजन के अन्य दस्तावेज जब्त कर अपने साथ ले गयी। सीबीआई के आकस्मिक कार्यवाही से रेलवे विभाग में हड़कम्प मच गया। जबलपुर की सीबीआई पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में नौ सदस्यी टीम में इंस्पेक्टर रेलवे के जबलपुर के साथ ब्लाक बी परियोजना के एजीएम संजय खरे, सेल्स मैनेजर एसपी मिश्रा एवं एक अन्य अधिकारी के साथ ही स्टेशन अधीक्षक बांकेलाल चोपन के एरिया मैनेजर युवराज पाटिल जांच के दौरान मौजूद रहे। रेलवे कांटा में अनियमिता को लेकर सीबीआई टीम ने वेब्रीज पर पदस्थ कर्मचारियो एवं स्टेशन अधीक्षक से गहन पूछताछ की। एनसीएल के विभिन्न परियोजनाओ से सिंगरौली रेलवे स्टेशन से रैक द्वारा कोयला परिवहन कराया जा रहा था। जिसमें पीएमआरजी हरियाणा, परीक्षा थर्मल पावर झांसी, कोटा राजस्थान, सूरत एवं उ.प्र. के पावर परियोजनाओ कोयला भेजा जा रहा था। वे-ब्रीज की अनियमितता के विषय में एनसीएल प्रबंधन द्वारा रेलवे विभाग के उच्च अधिकारियो को बार-बार पत्र लिखकर वे-ब्रीज में गड़बड़ी होने की जानकारी दी जा रही थी, इसके बावजूद भी रेलवे के कर्मचारियों द्वारा पुराने वे-ब्रीज से ही लोड कोयला रैक का वजन कराकर गोल-माल किया जा रहा था। जबकि एनसीएल के ब्लाक बी परियोजना द्वारा पुराने वे-ब्रीज के बगल में नया इलेक्ट्रानिक वे-ब्रीज लगाया गया है। पूर्व में नाप तौल विभाग के जांच के दौरान उक्त वे-ब्रीज खराब बताकर सर्वे आफ करने की बात कही गयी थी। फिर भी रेलवे के उच्च अधिकारियो द्वारा अपने निजी स्वार्थ के लिए नाप तौल विभाग के जांच को नजर अंदाज कर दिया गया और कोयले का गोरख धंधा कई वर्षो से चल रहा था। जिससे रेलवे एवं एनसीएल को करोड़ो रूप्ये की राजस्व छति होने का अनुमान है।
 रेलवे वे-ब्रीज का कांटा फिक्स मिला
सीबीआई टीम ने अपने जाँच के दौरान रेलवे वे ब्रीज की जांच की तो उसका कांटा फिक्स मिला। कांटा से एक बार निर्धारित वजन का लोड निकाला गया तो कांटा ने जितना वजन बताया उसके बाद उसमे अधिक लोडकर जब वजन किया गया तो उतना ही कांटा बता रहा था। फिर कम वजन का लोड निकाला गया तो उसमें भी कांटा ने उतना ही बताया। जिस पर सीबीआई टीम ने कांटा में लगे कम्पयूटर एवं अन्य दस्तावेज खंगालने के बाद उसे जब्त कर लिया। बताया गया है कि एक बैगन का वजन अधिकतम 22 टन होता है अन्डर लोड कोयला का वजन 94 टन आना चाहिए। प्रति बैगन वजन 72 टन कोयला होना चाहिए। लेकिन कांटे में गड़बड़ी होने की वजह से बैगन में कितना भी कोलया ओवर लोड कर दिया जाय तो उसका वजन 94 टन बता रहा था।

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