कनहर नदी बांध परियोजना पर श्वेत पत्र लाए सरकार-आइपीएफ
- मुख्यमंत्री को किसानों व प्रभावितों ने भेजा पत्र।
आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट ने सोनभद्र जनपद में कनहर नदी पर बन रहे बांध से विस्थापित हो रहे परिवारों पर 14 अप्रैल को हुए गोली-काण्ड़ पर गहरी चिंता व्यक्त की है। आइपीएफ के जिला संयोजक शम्भूनाथ गौतम ने बताया कि आइपीएफ के प्रदेष संगठन प्रभारी दिनकर कपूर ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर सरकार से कनहर नदी पर सिचांई के लिए बन रहे बांध पर श्वेत पत्र लाने, इससे विस्थापित हो रहे परिवारों के सम्मानजनक पुर्नवास और मुआवजा के सवाल को हल करने और विस्थापितों पर की जा रही दमनात्मक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है। वर्ष-1976 में हुए अधिग्रहण के समय के सर्वे को आधार बना कर घोषित किये गये पुनर्वास पैकेज में प्रशासन द्वारा मौजूदा समय में बांध से प्रभावित व विस्थापित हो रहे परिवारों को शामिल न किये जाने व ऐसे विस्थापितों को पुनर्वास पैकेज से वंचित करने से मौजूदा संकट पैदा हुआ है। साथ ही सरकार द्वारा कनहर विस्थापितों को कई किस्तों में दिया जा रहा पुर्नवास पैकेज और पूरी पुर्नवास प्रक्रिया को बेहद जटिल बनाने व कई अन्य विसंगतियों से भी विस्थापितों में गहरा अविश्वास पैदा हुआ है। सरकार की इस तरह की कार्यवाही के विरुद्ध विस्थापित वहां 23 दिसम्बर 2014 से धरनारत है। लेकिन शासन प्रशासन ने नये सिरे से विस्थापितों की संख्या का सर्वे व सीमांकन कराने और विस्थापितों की जीविकोपार्जन की गारण्टी कराने की मांग पर वार्ता कर समस्याओं का निराकरण करने के प्रति बेहद संवेदनहीन रूख अपनाया हुआ है। स्थिति यह है कि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्युनल नई दिल्ली द्वारा दिए स्थगनादेश पर पर भी सरकार ने आज तक अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। उन्होंने कहा कि यदि शासन-प्रशासन सिंचाई के लिए निर्मित किये जा रहे इस बांध के निर्माण के लिए संजीदा होता तो वह दमन की नीति की जगह विस्थापितों से वार्ता कर उनकी न्यायोचित मांगों को हल करता ताकि बांध का निर्माण सुचारू तौर पर होता और इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से बचा जाता। पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि सिचांई सुविधा व विकास के उद्देश्य से निर्मित हो रहे इस बांध को बनाने के लिए जरूरी है कि तत्काल परियोजना पर श्वेत पत्र लाया जाये और प्रशासन विस्थापितों पर दमन करने की नीति से बाज आये ।
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