मांगे निम्नवत हैः-
- ऊर्जांचल के समस्त विस्थापित ग्राम सभाओं को विषेष जोन का दर्जा प्रदान किया जाय।
- विभिन्न परियोजनाओं के आवासीय परिसरों की भांति निर्बाध 24 घंटे विद्युत सप्लाई व्यवस्था सुनिष्चित करायी जाय।
- विभिन्न विद्युत परियोजनओं/कोयला परियोजनाओं के 5 किमी की परिधी में आने वाले समस्त विस्थापित ग्राम सभाअेा औड़ी, अनपरा, परासी, कुलडोमरी, पिपरी, बेलवादह, बांसी, रेहटा, ककरी, गरबन्धा में षत्प्रतिषत विद्युतीकरण सुनिष्चित कराया जाय।
- ऊर्जांचल परिक्षेत्र में अनवरत विद्युत सप्लाई सुनिष्चित करने तथा जर्जर व्यवस्थाओं के बदलने हेतु विद्युत सम्बन्धित आवष्यकताएं (ट्रांसफाम्रर युक्त ट्राली इत्यादि) की उपलब्धता सुनिष्चित कराई जाय।
- जिसकी जिम्मेदारी एनसीएल, एनटीपीसी एवं उत्पादन निगम की परियोजनाओं तथा साडा को सौपी जाय।
- बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर डिबुलगंज से षक्तिनगर तक रोड साईड में लाईट लगवाने की व्यवस्था सुनिष्चित कराई जाय।
- ऊर्जांचल परिक्षेत्र में विद्युत विभाग-विरतण का कार्यालय स्थापित कराया जाय जिसमें उपखण्ड स्तर के अधिकारी की उपस्थिती सुनिष्चित कराई जाय।
- ग्राम पंचायत में बिजली बिल में की गई वृद्धि वापस कराने एवं पूर्व के लिए गये अधिषुल्क को समायोजित करने की बात कहीं।
ऊर्जांचल में स्थापित लगभग दस हजार मेगावाट की उत्पादनरत् बिजली परियेाजनाओं से प्रदेष एवं राष्ट्र रोषन हो रहा है, किन्तु जिनकी जमीनों पर इन परियोजनाओं का निर्माण हुआ है, वे विस्थापित ग्रामीण क्षेत्र, आज भी पूर्णतः विद्युत दुव्र्यवस्था के षिकार है। परियोजनाओं की आवासीय परिसरों में जहां 24 घंटे निर्बाध्य बिजली आपूर्ति हो रही है, वही अनेक विस्थापित ग्राम सभाएं रोषनी के लिए तरस रही है। निकटवर्ती प्रभावित क्षेत्रों को भी महज कुछ ही घंटे बिजली उपलब्ध है। सम्पूर्ण क्षेत्र, एनसीएल, एनटीपीसी, उत्पादन निगम, रेनूसागर हिंडालकों एवं लैंको की परियोजनओं के चलते गम्भीर प्रदुषण से प्रभावित है, स्थिती इतनी भयावह है कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंतत्र बोर्ड द्वारा क्षेत्र को देष का नौवां देष का सर्वाधिक प्रदूषित जोन घोषित किया गया है। प्रदूषण एवं बिमारियांे से जूझ रहे निवासियों का बिजली आपूर्ति से बेहद क्षुब्ध एवं आक्रोषित होना इनके लिए स्वाभाविक है। प्रषासनिक उदासीनता के चलते अनेको बार इस पर हुई वार्ताओं का परिणाम कुछ नहीं निकला। जिसके तहत स्थानीय जनता एवं ऊर्जांचल विद्युत संघर्ष समिति आंदोलन हेतु बाध्य हो गयी। ऊर्जांचल वासी अपनी मागों को लेकर आगामी 5 अगस्त 2011 को सम्पूर्ण बंदी एवं विषाल धरना प्रदर्षन का आयोजन ग्राम औड़ी के नेहरू चैक पर करने के लिए संगठीत हो गये है। इस विषय पर उर्जान्चल विद्युत संघर्ष समिति ने पत्रक के माध्यम से बताया कि उक्त दिन और समय पर स्थानीय लोग अपने-अपने प्रतिष्ठान बन्द करके एवं दैनिक कार्यों से विरत होकर मजबूत एकता का परिचय देते हुए अधिक से अधिक संख्या में धरना स्थल पर उपस्थित होकर आंदोलन को सफल बनाने का प्रयास करेगें। कार्यक्रम का आयेाजन ऊर्जांचल संघर्ष समिति द्वारा किया जाएगा। आगे उन्होनंे बताया कि सात सूत्रिय मांगों के तहत उन्होनंे बताया कि उक्त बिंदू पर ऊर्जांचल समिति अपनी मांग रखने के लिए सदैव तत्पर है।
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