रविवार, 17 जून 2012

परियोजनाओं को खोखला करते जा रहे है, कबाड़ चोर

1. कबाड़ चोर गिरोहों की सक्रियता से परियोजनाओं कि सुरक्षा पर लग रहा प्रष्नचिन्ह
2. परियोजनाओं को लग रहा है प्रतिदिन लाखों का चूना।
3. प्रतिदन होती हैं, कबाड़ चोरी बेखबर पुलिस महकमा। 

कबाड़ी व चोर गिरोहों की सक्रियता से औद्योगिक परियोजनाओं कि सुरक्षा पर प्रष्नचिन्ह लग गया है। परियोजनाओं बेषकिमती कल-पुर्जे व अन्य सामान रातों-रात चोरी कर बेच दिये जा रहे है। वहीं इससे पुलिस बेखबर है। चोरी की घटनाओं से लाखों की चपत सहने वाली परियोजनाए आए दिन खोखली होती जा रही है। औद्योगिक परियोजनाओं में बढ़ती चोरी की घटनाओं से इनकी सुरक्षा पर सवालिया निषान लग गया है। आरोप है कि पुलिस के लिए कोयला के अलावा कबाड़ की दुकाने अवैध कमाई व वसूली का जरिया बनती जा रही है। कबाड़ी गिरोह की बढ़ती सक्रियता से इन परियोजनाओं को प्रतिदिन लाखों रूपये का चूना लग रहा है, और पुलिस के संरक्षण में बे-रोकटोक चल रहे इस धन्धे से जुड़े लोग अपनी नींव मजबूत करते जा रहे है। इस वजह से इस धन्धे को आसानी से हिला पाना सम्भव नहीं दिखता। बताते है कि एनसीएल की ककरी, बीना व उत्तर प्रदेष पावर कारपोरेषन के अनपरा व रेनुसागर परियोजनाओं को चोरी से प्रतिदिन लाखों की चपत लगती है। कबाड़ी गिरोह परियोजनाओं के बेषकिमती स्पेयर पार्ट्स, रोप, केबिल सहित सक्रिय व निष्क्रय पड़ी लौह वस्तुओं पर हाथ साफ करते है। इस चोरी से पुलिस को मोटी रकम प्राप्त होती है। जिसके फलस्वरूप यह धन्धा फल-फूल रहा है। वैसे तो औद्योगिक क्षेत्र के हर हिस्से में प्रतिदिन छोटी-बड़ी चोरी की घटनाएँ प्रकाष में आती रहती है। मगर यह चोरिया संगठित तरिके से हो रही है। इसके लिए औद्योगिक क्षेत्र व स्वयं की कार्य संस्कृति भी काफी हद तक जिम्मेवार बताई जाती है। लंुज-पुंज सुरक्षा इंतजाम भी चोरी को बढ़ावा देते है। जबकि एनटीपीसी इस मामले में काफी सख्त है। पता चला है कि क्षेत्र के औद्योगिक प्रतिष्ठानों से प्रतिदिन कई लाखों रूपये की किमती सामानों की चोरी होती है। बीते महिनों में एनसीएल की बीना व ककरी परियोजनाओं से लाखों के बड़े विदेषी डम्परों के रेडिवाटर व बैटरी सहित कई अन्य प्रकार के पाटर््स की चोरियों ने परियोजना अधिकारियों की नींद हराम कर दी है। 

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