ऽ अवैध खनन जारी होने से आज हो रही है दिक्कत
ऽ भविष्य क्षेत्र में बढ़ सकता है घोर पेयजल संकट
ऽ देखते ही देखते कनहर की बढ़ गई गहराई
दुद्धी तहसील मुख्यालय से महज चार किमी दूर कनहर नदी में लगभग एक दशक से कास्त की छह एकड़ रकबे से बालू का खनन दिखाया जा रहा है लेकिन हकीकत तो यह है कि कास्त की मिट्टीयुक्त बालू कभी उठाया ही नहीं गया। कनहर नदी में ग्राम सभा की भूमि से यहां बालू का खनन बदस्तूर जारी है। गलत तरीके से हो रहे खनन को रोकने के लिए यहां प्रशासनिक स्तर से आज तक कोई ठोस पहल नहीं हुई। इसके नतीजतन कनहर पिछले वर्षों में पांच से सात फीट गहरी हो गई है। दुद्धी-विंढ़मगंज मार्ग पर स्थित कनहर ब्रिज और रेलवे ब्रिज के बीच कनहर नदी को देख कर आसानी से इसकी पुष्टि की जा सकती है। बरसात में आई तीव्र बाढ़ से पूरी बालू बह कर नीचे चला गया और वहां केवल पत्थर ही नजर आ रहे हैं। लोगों का मानना है कि अगर खनन नहीं रुका तो ब्रिज की नींव कमजोर पड़ जाएगी और कभी भी अनहोनी भी हो सकती है। नदी के तटवर्ती गांवों हीराचक, कोरगी, पकरी, टेंढा, देवढ़ी, कलिंजर सहित दर्जन भर गांव के लोगों ने बताया कि कनहर नदी गहरी होने से यहां के गांवों में जलस्तर काफी तेजी से नीचे सरक रहा है ऐसे में भविष्य में पेयजल की भी बड़ी समस्या उत्पन्न होने के आसार नजर आने लगे हैं। चैड़ी सड़कों को बनाया जा रहा संकरा, महुली के डा. अंबेडकर ग्राम विकास योजना के अंतर्गत महुली में कराए जा रहे विकास कार्यों से लोग आक्रोशित हैं। पांच मीटर तक की चैड़ी सड़कें महज दो से ढाई मीटर तक सिमट जा रही हैं। सीसी रोड का निर्माण कराए जाने से बस्ती में बड़े वाहनों का आना जाना मुश्किल हो गया है। बताया जा रहा है कि महुली की भीतरी बस्ती में जहां तीन से पांच मीटर तक की खंड़जायुक्त चैड़ी सड़कें थीं, वहां अब सीसी रोड का निर्माण कराया जा रहा है। ठेकेदार के मुताबिक सीसी रोड एक से ढाई मीटर चैड़ी ही बनाया जाना है। इधर ग्रामीणों का कहना है कि खंड़जा बिछाए गए सड़क पर बड़ी आसानी से बस्ती में स्थित अपने अपने दरवाजे तक पहुंचा जा सकता था, लेकिन खंड़जा उखाड़ कर सड़क को संकरा कर दिया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें