सरकार लगातार नए नए कानून बना कर कितनी भी वाहवाही लूटने की कोशिश करे, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। कंेद्र सरकार और प्रदेश सरकार के द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर जनहित से जुडी अनगिनत योजनाए चलाई जा रही है। इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर आम लोगों तक लाभ पहुंचाने के लिए अधिकारियों के ऊपर निगरानी में अंजाम दिया जा रहा है, लेकिन यह अधिकारी पंचायत स्तर चलने वाली योजनाओं के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने से एतराज कर रहे है और सूचना के अधिकार के कानून की धज्जियां उडा रहे है।
जानकारी के अनुसार, शक्ति आनन्द, ग्राम-औड़ी, जिला-सोनभद्र में रहते है। उन्होंने ग्राम पंचायत औड़ी, कुलडोमरी, अनपरा, परासी, ककरी, रेहटा आदि में भारत सरकार और प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी सूचना के अधिकार कानून के तहत म्योरपुर ब्लाक से मांगी थी। इसमे ग्राम पंचायत कार्य की वार्षिक रपट, निर्माण कार्य की प्रगति रपट, नाप तौल व विकास कार्यो के रजिस्टर की कापी, नरेगा में दो वर्षो में कितने लोगों ने कार्य किया, गरीब आवासीय योजना में लाभ पाने वाले लोगों के नाम, अतिरिक्त बीपीएल सूची और मिड डे मील में खाने की स्थित के बारे में लिखित प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन उनकों योजनाओं के कार्यो के बारे में जानकारी नहीं दी गई।
शक्ति आनन्द ने ग्राम पंचायत की जानकारी के लिए कार्यालय खण्ड विकास अधिकारी म्योरपुर, जिला पंचायत राज अधिकारी, सेानभद्र, मुख्य विकास अधिकारी, सोनभद्र से कई बार विभिन्न विषयों पर सूचना मांगी थी। हालांकि उन्हें यहां से भी कोई भी जानकारी नहीं दीं गई। इसके बाद उन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त लखनऊ उत्तर प्रदेश के यहां अपील की। मगर अभी तक यहां से भी सूचना के अधिकार के लिए कोई कार्यवाई नहीं की गई। सूचना के अधिकार कानून के तहत खण्ड विकास अधिकारी और जिला विकास अधिकारी ने भी योजनाओं की सूचना नहीं दी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी सूचना के अधिकार के तहत सूचना नहीं देने के साथ-साथ इस अधिनियम की खुले आम धज्जियां उड़ा रहे है।
"अपने गांव के आस-पास स्थित ग्रामों में विकास कार्यो व उनमें गुणवत्ता की जानकारी के लिये लगभग तीन वर्षो से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सूचना ब्लाक स्तर से लेकर जिला स्तर तक मांगी जा चुकी है, परन्तु कुछ एक को छोड़कर ज्यादातर मामलों में उन्हें अभी तक कोई जानकारी सम्बन्धित विभागों द्वारा नहीं प्राप्त कराई गई, कई बार उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग द्वारा सम्बन्धित विभागों को सूचना उपलब्ध कराने हेतु नोटिस भी जारी की गई है। लेकिन फिर भी अधिकारी टस से मस नहीं हुए और विकास कार्यो के सन्दर्भ में कोई जानकारी देने में आनाकानी करते है।" - शक्ति आनन्द, ग्राम-औड़ी, जिला-सोनभद्र
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