रविवार, 12 जुलाई 2015

सिंगरौली रेलवे स्टेशन पर कब पडेगी प्रभु की नजर

सुविधाओ के आभाव व कर्मचारियों का रूखापन झेल रहे यात्री
सिंगरौली रेलवे स्टेशन जहा एक तरफ आय के लिए पुरे धनबाद डिवीजन में मसहूर है वही यात्री सुविद्याओ की कमी तथा यहाँ पदस्थ किये गए रंगरुट स्टेशन मास्टर के दुर्व्यवहार के कारण भी अब चर्चा में आ गया है। दर्श की ऊर्जा राजधानी का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन होने के कारण 50 किलोमीटर परिक्षेत्र के रेहवासी इस रेलवे स्टेशन का उपयोग अपनी यात्रा के लिए करते है। जबकि यात्री सुविधाओ से आभाव ग्रस्त इस रेलवे स्टेशन के नवपदस्थ स्टेशन मास्टरों लिपिको एवं अन्य कर्मियो का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार तथा अभद्रता पूर्ण बरताव यात्रियों विशेषकर महिलाओ एवं बुजुर्गो के लिए अपरिहार्य होने लगा है। सिंगरौली स्टेशन की खासबात यह है कि यहाँ का ऑपरेटिंग स्टाफ एक तो रेलवे के वर्दी और नेमप्लेट में नही होते है  जिससे यह भी जानना मुश्किल होता है कि वह रेल कर्मी है या यात्री या कोई अन्य व्यक्ति है। इतना ही नहीं यहाँ के कर्मियो द्वारा रेलवे के साईट पर ट्रेनों के आवाजाही से सम्बंधित गलत जानकारी अपलोड की जाती है। जिसका उदहारण गुरुवार को बनारस इंटरसिटी पर देखने को मिली ट्रेन लगभग 12 बजे रात को आई जबकि वेबसाईट पर ट्रेन 10 बजकर 20 मिनट पर पहुच चुकी थी। सिलसिला यही तक नहीं है जब इस सम्बन्ध के एक यात्री  के परिजन ट्रेन की जानकारी पूछने पूछताछ काउंटर पर गए तो सिर्फ कंप्यूटर ही था वहा और कोई कर्मचारी नहीं मौजूद था। परेशान यात्री के परिजन जब ट्रेन की जानकारी लेने ओन ड्यूटी स्टेशन मास्टर के पास गए तब उन्हें बड़े ही रूखे अंदाज में पूछताछ काउंटर पर जाने को कहा गया किन्तु पूछताछ केंद्र में किसी की नहीं होने की जानकारी जब स्टेशन मास्टर को दी गयी तब वह और भी आक्रामक हो गया  और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु से पूछने को कहा। उसने परिजनों को धमकी देने वाले अंदाज में कहा फौरन चले जाओ अन्यथा अंजाम बुरा होगा। आखिर कब तब चलता रहेगा। कब पड़ेगी प्रभु की नजर। कब व्यवस्था में होगा सुधर। धनबाद मंडल के सर्वाधिक राजस्व वाले स्टेशन की दुर्दशा कब सुधरेगी और कब इन अधिकारियो पर कार्यवाही होगी। बस देखना है कब पड़ेगी सिंगरौली रेलवे स्टेशन पर प्रभु की नजर।

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