शनिवार, 4 फ़रवरी 2012

आलू की खेती से होता हो रहा नुकसान


जनपद में आलू उत्पादन की असीम संभावनाओं के बाद भी इसके लिये कोल्ड स्टोरेज के अभाव में कम मात्रा में आलू उत्पादन करते हैं। जनपद के किसानों का कहना है कि मिर्जापुर में दो शीतलन केेंद्र हैं, लेकिन हमारे लिये इतनी दूर मिर्जापुर और चुनार जाकर आलू रखना मुश्किल है। आलू की अधिक खेती करने पर किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। शीतलन केंद्र न होने से यहां के आलू उत्पादकों को मुश्किल होगी। कोल्ड स्टोरेज की स्थापना से यहां आलू व्यवसायिक खेती हो सकती थी, जिसका लाभ सीधे तौर पर किसानों को मिलता। अपर उद्यान अधिकारी, सोनभद्र का कहना है कि सोनांचल में काफी प्रयास के बाद भी शीतलन केंद्र (कोल्ड स्टोरेज) की स्थापना अब तक नहीं हो सकी है, जिसके लिये प्रयास चल रहा है, लेकिन आवेदन ही न आने पर क्या किया जा सकता है। फूड प्रोसेसिंग प्लांट इसी वर्ष स्थापित होगा, इससे टमाटर उत्पादक लाभान्वित होंगे। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें