सोमवार, 6 फ़रवरी 2012

दो साल बाद भी बकाया मजदूरी के पैसे नहीं मिले।


दो वर्षों बाद भी मनरेगा मजदूरी का भुगतान न होने से आक्रोशित बनौरा द्वितीय गांव के ग्रामीणों ने खुली बैठक के दौरान सेक्रेटरी को बंधक बना लिया। किसी तरह सेक्रेटरी बच कर भाग निकला तो ग्रामीणों ने सांकेतिक रूप से राबर्ट्सगंज घोरावल मार्ग पर जाम लगा दिया था। गांव के बड़े बुजुर्गों के समझाने पर जाम समाप्त कर दिया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि शीघ्र ही मजदूरी को लेकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। गांव के प्राथमिक विद्यालय पर खुली बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें अतिरिक्त खाद्यान्न वितरण के लिए पात्रों का चयन किया गया था। समय से बैठक शुरु हुई। अपराह्न करीब दो बजे गांव के दर्जनों मनरेगा मजदूरों ने सेक्रेटरी शिवनारायण सिंह से दो वर्ष पूर्व से बकाए मजदूरी की मांग की। सेक्रेटरी ने बाद में इस मामले का निपटाने का आश्वासन दिया। इस पर श्रमिक भड़क गए कहा कि वर्ष 2010 में हुए कार्य का भुगतान आज तक नहीं किया गया। मजदूरों के हजारो रुपये बकाए हैं। मजदूरों ने तहसील दिवस में इसकी शिकायत की तथा बीडीओ से भी शिकायत की लेकिन भुगतान नहीं हुआ। बार बार सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। मजदूरों ने सेक्रेेटरी से ठोस आश्वासन की मांग की। सेक्रेटरी द्वारा टाल मटोल किए जाने पर श्रमिक भड़क गए और दोपहर में करीब दो बजे सेक्रेटरी को बंधक बना लिया। सचिव करीब आधे घंटे बाद किसी तरह श्रमिकों की चंगुल से भाग निकले। 

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