कनहर परियोजना के पुराने भूखण्ड व उपकरणों की चोरी बदस्तूर जारी है। अमवार मंे परियोजना शुरू कराने के पूर्व विस्थापितों के लिए सड़क व आवास निर्माण की प्रक्रिया गति पकड़ रही है। इसके आड़ में कुछ लोग सफेदपोष व कर्मियों की मिलीभगत से पुराने भूखण्डों व गोदामों पर पड़े कीमती सामानों पर हाथ साफ करके अपनी जेब गरम करने में लगे हुए है। इतना ही नहीं हौसला बुलंद लोग मायाजाल में फंसा कर चोरी के सामानों को नीलाम मंे लेने की बात भी प्रचरित करा रहे है ताकि लोगों को किसी प्रकार का शक न होने पाये। सूत्रों की माने तो टीन व सीमेंट की शेडों के अलावा लाखों के सामान गुपचूप तरीके से परियोजना परिसर से हटाया जा चुका है।
दीमक की तरह परियोजना को पूरी तरह चाट चुके चोरों की करतूत का अंदाजा वहां की तस्वीरों को देख कर आसानी से लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं बेखौफ ढंग से कुछ श्रमिक एक ट्रैक्टर-ट्राली पर पुराने भवन से निकले पत्थरों को लोड करने मंे लगे हुए थे। ट्रैक्टर चालक ने एक व्यक्ति का नाम लेते हुए बताया कि उन्ही के निर्देष पर यहां का बोल्डर वह बाजार में बेचता है। इसी तरह परियोजना स्थल से गुपचूप ढंग से उजाड़ी गयी टीन शेड अब वहां के ग्रामीणों के चहारदिवारी का काम कर रही है। ऐसे कई मकान देखने को मिला जिसमें परियोजना स्थल व आवासीय कालोनी से निकला हुआ लोहे का सामान लगाया गया है। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर कोई नहीं मिला। फिल्ड हास्टल में दो लोग मिले। वह अपने आप को श्रमिक बताकर किनारा कस लिये। वहां तैनात चैकीदारों के बाबत जानकारी लेने पर ग्रामीणों द्वारा कोई सटीक जानकारी नहीं दी गयी। प्रभारी निरीक्षक पीपी सिंह के मुताबिक इस तरह की कोई षिकायत उनके संज्ञान में नहीं आयी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें