शुक्रवार, 4 अप्रैल 2014

विस्थापितों से हुये समझौते होंगे लागू- दारापुरी

:- विस्थापित गांवों का पूर्व आई.जी. एस.आर.दारापुरी ने किया दौरा

राबर्ट्सगंज, 26 मार्च14, पूर्व आई. जी. व आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस.आर. दारापुरी ने कहा है कि 60 के दशक में बने रिहंद जलाशय और बाद में स्थापित हुए औद्यागिक प्रतिष्ठानों से लाखों लोंगो को विस्थापन का दंश झेलना पड़ा। आज भी विस्थापित गवर्नमेंट ग्रांट पट्टों के सहारे उनकी जिंदगी चल रही है. भारी विस्थापन के समय सरकार ने जो समझौते किये उनका अनुपालन न कराया जाना ही विस्थापितों की दुर्दशा की प्रमुख वजह हैं।

आज आइपीएफ नेताओं के साथ म्योरपुर व बभनी ब्लाक के झीलो खमरिया, पीपरहर,डोडहर,करहिया,सीसवां झापर,चैना,घघरा,बजिया,मचबंधवां,भॅवर इत्यादि रिहंद विस्थापित गांवो का दौरा करने और कई सभाओं को संबोधित करते हुए श्री दारापुरी ने कहा कि विस्थापितों को तय मुआवजा राशि जो बेहद कम थी उसे भी पूरी तरह नहीं दिया गया, इसलिए नये आधार पर मुआवजा राशि को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र खनिज संपदा से भरपूर है और कारपोरेट्स की नजर है जिससे भविष्य में भारी विस्थापन का खतरा मौजूद है। दारापुरी ने डोडहर गाँव के लोगों का पुलिस द्वारा उत्पीड़न करने की कड़ी निंदा की और उन की बैठक में उन्हें आश्वस्त किया कि उन के सवाल हर हाल में हल कराये जायेंगे। इन विस्थापित गांवों के हजारों लोगो ने दारापुरी जी से आग्रह किया किया कि विस्थापितों की आवाज को संसद तक पहुँचाने के लिए इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करें क्योकि आज तक किसी जन प्रतिनिधि ने विस्थापितों के मुददों को संसद में नही उठाया है।

श्री दारापुरी ने विस्थापितों को आश्वस्त किया कि उनके सवालों को आइपीएफ हर स्तर पर संघर्ष करेगा और विस्थापितों के साथ अन्याय नही होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र से पूरे देश के लिए बिजली का उत्पादन होता है वहां के गांवो में आज भी बिजली नहीं है और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधओं का अभाव है।

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