:— निजी सुरक्षा गार्ड व पुलिस की भूमिका संदिग्ध
ऊर्जांचल में वृहद रूप से पाव जमा चुके कबाड़ व डीजल चोरी का कारोबार क्षेत्र में लगातार अपराध को बढ़ावा दे रहा है। कबाड़ के इस कारोबार में सक्रिय अपराधियों को प्रशासन से मिलता संरक्षण इनके मनसूबो को लगातार मजबूत करने के साथ ही सुरक्षित भूमि उपलब्ध करा रहा है। प्रशासन के कार्यवाही से खत्म होता भय कबाडिय़ों कोसंगठित अपराध के लिए रोलमाडल की भूमिका निभा रहा है। जिसके कारण क्षेत्र में संचालित औद्योगिक प्रतिष्ठान लगातार लुटने को मजबूर है और प्रशासन कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कर मामले को रफा—दफा कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ ले रहे है। जिससे ऊर्जांचल में लगातार अपराध में वृद्धि हो रही है।
विदित हो कि ऊर्जांचल में स्थापित दर्जनों औद्योगिक प्रतिष्ठानों से कबाडिय़ो द्वारा नित्य लाखों के किमनी स्पेयर पार्ट व बिजली के केबिलों की चोरी व डीजल चोरी से भारी राजस्व को क्षति पहुच रही है। करोड़ो की सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी आये दिन हो रहे कबाड़ चोरी से परियोजनाएं सत्ते में है, जिस पर लागम की सारी कोशिशें आज तक सिफर ही सिद्ध हुई है। हौसला बुलंद कबाडिय़ों के कारण जहां परियोजनाएं असुरक्षित हो चली है वहीं सुरक्षा का जिम्मा सम्भाल रहे सुरक्षा कर्मियों भी इनसे सीधा मुकाबला करने से कतराते है। जिन सुरक्षा कर्मियों ने अपनी जिम्मेदारियों का पूर्ण रूपेण पालन करने का प्रयास किया। उनका जीवन ही खतरे में पड़ गया। आये दिन सुरक्षा कर्मियों से कबाडिय़ों को होता सामना क्षेत्र में अशांति का कारण बनने लगा है। कुछ सप्ताह पूर्व में औड़ी के आदर्श नगर में मासुम की हुई हत्या भी कबाडिय़ों की कारस्तानी का नतिजा है। जिस पर कार्यवाही करते हुए भले ही प्रशासन ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकि न इस कबाड़ कारोबार पर पहले ही अंकुश लग गया होता तो सम्भव था कि विराट नाम मासुम की जान बच गयी होती। स्थानीय लोगों की माने तो प्रशासन के संरक्षण में हो रहे कबाड़ करोबार के कारण क्षेत्र में हमेशा ही अशांति का माहौल बना रहता है। प्रारम्भिक दौर में ही इन कबाड़ करोबारियों पर अंकुश लगा दिया गया होता तो क्षेत्र में अमन—चैन कायम के साथ—साथ अपराध में भी तेजी से गिरावट आती।
सूत्रों की माने तो कबाड़ कारोबारियों से प्रशासन को मिलता भारी सुविधा शुक्ल कबाड़ कारोबार को फलने—फुलने में मदद कर रहा है। जिससे प्रशासन द्वारा कार्यवाही का भय कबाडिय़ों से खत्म होने लगा है। रात के अंधेरे में कबाड़ व डीजल चोरी को अंजाम दे रहे कारोबारियों के गुर्गें इस दौरान पुलिस, सुरक्षा कर्मी व सीआईएसएफ से मुटभेड़ करने से भी नहीं कतराते। कुछ वर्ष पूर्व में सुरक्षा का जिम्मा सम्भाल रहे सीआईएसएफ के जवान ने जब कबाडिय़ों को चोरी करने से रोका तो कबाडिय़ों ने हमला कर दिया। जिसके बाद जवान की मौत हो गयी थी, लेकिन इन सब के बावजूद भी प्रशासन ने कबाड़ व डीजल करोबार पर गम्भीरता से अंकुश नहीं लगा सका। जबकि एनसीएल के खदानों में नित्य प्रतिदिन सुरक्षा कर्मियों व कबाडिय़ों के बीच मुटभेड़ की घटनाएं आम हो चली है। कई बार एेसे मामले भी प्रकाश में आये जब हौसला बुलंद चोरों ने सुरक्षा कर्मियों की पिटाई करने के बाद उनके असलहें तक साथ ले गये। एेसे में सुरक्षा में तैनात जवान भी कबाड़ चोरों को चोरी के दौरान रोकने—टोकने से कतराने लगे है। अगर समय रहते इन पर लगाम नहीं लगाया गया तो वह दिन दूर नहीं जब कबाडिय़ों के कारण क्षेत्र की शांति व्यवस्था खतरे में पड़ जायेगी और अपराध में दिन—दूना रात चौगुना वृद्धि सम्भव है। इस बाबत स्थानीय परियोजनाआें ने प्रशासन को कई बार मामले की गम्भीरता से अवगत कराया लेकिन कार्यवाही न होने से अधिकारियों का टुटता मनोबल प्रशासन से अपना भरोषा खोने लगा है। वहीं इस मामले पर अनपरा, शक्तिनगर व बीजपुर पुलिस का कहना है एनसीएल, एनटीपीसी, उत्पादन निगम के अलावा नीजि कम्पनियां जांच के नाम पर प्राथमिकी दर्ज कराने से कतराते है। जिसके कारण कबाड़ व डीजल चोरों पर दमदारी से कार्यवाही सम्भव नहीं हो पाती। नतिजा इससे चोरों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। फिर भी पुलिस को जानकारी होने पर पुरी शक्ति से निपटने का कार्य किया जाता है।
कबाडिय़ों ने हनुमान मंदिर का पानी आपूर्ति किया ठप
ऊर्जांचल के प्रतिष्ठीत व दो प्रदेशों की सीमाआें पर स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर पर कबाडिय़ों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व में कबाडिय़ों के कारस्तानी के कारण जहां मंदिर परिसर में पानी की उपलब्धता के लिए लगाई गयी पाईन लाईन काट ली गयी थी। लगभग एक वर्ष तक पानी व बिजली के लिए जुझ रही मंदिर समिति के अनुरोध व मांग पर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान व एनसीएल के सीएमडी ने पुन: पाईन लाईन का कार्य पूरा कराया लेकिन चोरों ने सोमवार की रात्री एक बार फिर पानी के लिए लगी हुई पाईप को काट ले गये। जिससे दूर-दराज से आये दर्शन करने वाले भक्त पानी के लिए मोहताज हो रहे है। इस मामले पर मंदिर प्रशासन का कहना है कि कबाडिय़ों के आतंक के कारण जहां भक्तों का श्रद्घा केन्द्र रहे झिमुरदह मंदिर पर भक्तों की संख्या लगातार कम हो रही है। वहीं चोरों द्वारा आये दिन बिजली तार व पाईप लाईन काट लिये जाने से मंदिर को शुचारू रूप से चलाने में अनको समस्याएं उत्पन्न हो रही है। इन पर गम्भीरता से कार्यवाही नहीं की गयी तो कबाडिय़ों का आतंक और भी बढ़ जायेगा। जिसक ा असर भक्तों के मनोबल पर भी पड़ रहा है। एेसे में दोनों प्रदेशों की पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि भक्तों के साथ—साथ मंदिर के मूलभूत सुविधाआें की सुरक्षा व्यवस्था भी पुख्ता की जाय।