मोदी सरकार के आम बजट पर ऊर्जान्चल की जनता की भी प्रतिक्रिया आने लगी है। कोई मोदी सरकार के इस आम बजट को निराशाजनक बता रहा है तो कोई कह रहा है कि नई सरकार ने नया कुछ नहीं किया है।
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पंकज कुमार मिश्रा |
कांग्रेस नेता पंकज कुमार मिश्रा ने आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार का बजट बेहद निराशानजक है। बजट में जो घोषणाएं की गईं है उसमें में 90 फीसदी कार्य हमारी सरकार द्वारा किया हुआ है, नई सरकार ने कुछ भी नया नहीं किया है। सारे विचार हमारी सरकार के हैं। आम आदमी तो दुर इस बजट से उद्योगपतियों को फायदा पहुँचाने की कोषिष की गई है, सिर्फ हवाई बातों का पिटारा है ये बजट। इस बजट से उम्मीदें कम नजर आती हैं।
कांग्रेस नेता व ग्राम पंचायत सदस्य शक्ति आनन्द ने कहा कि बजट बेहद निराशाजनक है। टैक्स में सिर्फ 50 हजार की राहत ना के बराबर है। आम आदमी को कोई राहत नहीं है। सोशल सेक्टर में कोई बढि़या निवेश नहीं है, विकास दर का लक्ष्य बेहद कम है। बीजेपी विपक्ष में बहुत चिल्लाती थी अब हकीकत क्या है उन्हें पता चल रही है। बजट में वित्त मंत्री ने ऐसा कुछ नहीं है जिससे आम आदमी को फायदा हो।
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विजय कुमार सिंह |
विजय कुमार सिंह ने कहा कि बजट में ना कोई विजन है और ना ही कोई रोडमेप है। आखिर सरकार देश को कहा ले जाना चाहती है। विडंबना है कि एफडीआई का विरोध करने के बाद वे आज इसके नियम आसान कर रहे हैं। इस बजट के बाद आम आदमी के ऊपर भार बढ़ने वाला है।
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ओंकार केशरी |
बीजेपी नेता ओंकार केशरी ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र में जनता से किए गए ज्यादातर वादों को बजट में शामिल किया गया है। इसमें मुद्रास्फीति को संभालते हुए विकास करने की कोशिश की है, मोदी सरकार का ये बहुत ही सकारात्मक बजट है। इसमें साफ दिखाई देता है कि अरुण जेटली इस बजट से भारतीय अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाएंगे।
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के.सी. जैन |
बीजेपी नेता के.सी. जैन ने कहा कि देश के सम्पत्ति और भंडार को पूर्व की सरकार ने बर्बाद किया गया है, उसको ध्यान में रखते हुए ही जेटली ने इस बार का बजट बनाया है। लेकिन कह सकता हूं कि ये नौकरियों का बजट है। नौकरियां आएंगी।
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आशीष मिश्रा |
समाजवादी पार्टी के नेता आशीष मिश्रा ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट में कोई बड़ा विचार दूर-दूर तक नहीं था। अगर आप अपनी आंखें बंद कर लें तो यह चिदंबरम का भाषण जैसा लग सकता है।
इनके साथ-साथ ऊर्जान्चल के लोगों ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट में पिछड़ों, गरीबों, मजदूरों, किसानों और कर्मचारियों के लिए कुछ भी नहीं है। उन्हें सिर्फ सपने दिखाए गए हैं और जनहित की योजनाओं को नजरअंदाज किया गया है। बजट में मुख्यरूप से उद्योगपतियों का हित साधा गया है।
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