उत्तर प्रदेश शासन ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। इस संबंध में प्रमुख सचिव चंचल तिवारी ने नए सिरे से वार्डों का परिसीमन आबादी के आधार पर करने का निर्देश दिया है। नए परिसीमन में ग्राम से लेकर जिला पंचायत तक के वार्डों में बढ़ोतरी होगी। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी 1502995 थी। उस जनगणना के आधार पर पिछले पंचायत चुनाव के पूर्व हुए परिसीमन में ग्राम पंचायत के 6775 वार्ड, क्षेत्र पंचायत के 656 वार्ड और जिला पंचायत के 26 वार्ड थे। अब वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर एक बार फिर वार्डों का परिसीमन होगा। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले में ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी 1548217 है। जबकि पूरे जिले की आबादी 18 लाख 62 हजार 559 है। पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव चंचल कुमार तिवारी ने जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा है कि अब ग्राम पंचायत के वार्डों के लिए दो हजार तक की आबादी पर नौ वार्ड, तीन हजार तक 11 और पांच हजार तक की आबादी पर 13 वार्ड बनेंगे। इससे ऊपर की आबादी पर 15 वार्डों का गठन होगा। इसी तरह दो हजार की आबादी पर क्षेत्र पंचायत का एक वार्ड और पचास हजार की आबादी पर जिला पंचायत का एक वार्ड गठित होगा। ऐसे में यदि 2011 की जनगणना के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायत के वार्डों का गठन हुआ तो ग्राम पंचायत के वार्डों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में बढ़कर 6966, क्षेत्र पंचायत की 774 और जिला पंचायत के वार्डों की संख्या 30 हो सकती है। इस बाबत जिला पंचायत राज अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि फिलहाल वार्डों की संख्या की गणना नहीं हुई है। 31 जुलाई तक ग्राम पंचायतों की संख्या का अवधारण होगा। एक अगस्त से 15 अगस्त तक सूची तैयार कर उसका प्रकाशन होगा। 16 से 22 अगस्त तक इस सूची पर आपत्ति ली जाएगी और इसका निस्तारण 23 से 30 अगस्त तक होगा। अंतिम सूची का प्रकाशन एक सितंबर से 15 सितंबर के बीच होगा।
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