by Shiv Das Prajapati
सोनभद्र के खनिज विभाग की ओर से सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत मुहैया कराई गई जानकारी पर गौर करें तो यहां डोलो स्टोन, सैंड स्टोन, बालू और मोरम के खनन और स्टोन क्रशर प्लांटों के संचालन ( हालांकि केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, उच्चतम न्यायालय, उत्तर प्रदेश वन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन की विभिन्न जांच रिपोर्टों में अवैध खनन, अवैध परिवहन और स्टोन क्रशर प्लांटों के अवैध संचालन की कई बार पुष्टि हो चुकी है ) के गोरखधंधे में राज्य की सत्ता में काबिज समाजवादी पार्टी (सपा), मुख्य विपक्षी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा), अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी (कांग्रेस), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई वर्तमान विधायकों और सांसदों के साथ-साथ अनेक राजनेता और आपराधिक छवि के लोग शामिल हैं।
तत्कालीन जिला खान अधिकारी एस.के. सिंह द्वारा 8 अक्टूबर, 2013 को इस संवाददाता को उपलब्ध कराई गई जानकारी पर विश्वास करें तो उत्तर सरकार को खनन से हर साल 27,198 करोड़ रुपये का राजस्व देने वाले सोनभद्र में कुल डोलो स्टोन के 101, सैंड स्टोन के 86 और बालू/मोरम के 13 खनन पट्टे स्वीकृत हैं। हालांकि भौतिक स्तर पर इन खनन पट्टों की संख्या एक हजार के करीब है। शासन द्वारा स्वीकृत खनन पट्टों में कई पट्टे राजनेताओं, पत्रकारों और उनके रिश्तेदारों के हैं।
घोरावल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक और सपा नेता रमेश चंद्र दूबे की कंपनी श्री रमेश चंद्र एण्ड कंपनी के नाम से बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में अराजी संख्या-7573 की 1.5 एकड़ भूमि पर डोलो स्टोन का खनन पट्टा है। वह इस भूमि पर 19 सितंबर, 2006 से खनन कर रहे हैं। शासन ने उन्हें 17 सितंबर, 2016 तक इस भूमि पर खनन करने की छूट दे रखी है। हालांकि उन्होंने इस भूमि पर अबतक कितना खनन किया है और वह निर्धारित मानक से ज्यादा है या कम, यह जिला प्रशासन को पता नहीं है। इसके अलावा सपा विधायक रमेश चंद्र दूबे की पत्नी श्रीमती अंजना दूबे के नाम से सुकृत खनन क्षेत्र में अराजी संख्या-310/4 की 6.20 एकड़ भूमि पर सैंड स्टोन का खनन पट्टा है। इसकी वैधता 30 अगस्त, 2008 से 29 अगस्त, 2018 तक है। वहीं घोरावल विधायक रमेश चंद्र दूबे के भाई श्री राजन दूबे की पत्नी करुणा दूबे के नाम से सुकृत खनन क्षेत्र में ही अराजी संख्या-312मि. की 3.72 एकड़ भूमि पर सैंड स्टोन का खनन पट्टा है। इसकी वैधता भी अंजना दूबे के खनन पट्टे की अवधि के बराबर है।
सपा नेता और उत्तर प्रदेश समाजवादी व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव रमेश चंद्र वैश्य के फर्म मे. रबिशा स्टोन प्रोडक्ट के नाम से बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में अराजी संख्या-4920, 4921, 4922 और 4924 की कुल भूमि 1.75 एकड़ पर डोलो स्टोन का खनन पट्टा आबंटित है। श्री वैश्य की कंपनी इस भूमि पर 4 जनवरी, 2007 से खनन का काम कर रही है जो 3 जनवरी, 2017 तक करती रहेगी। हालांकि इस कंपनी ने जमीनी स्तर पर कितना खनन और परिवहन किया है, इसकी जानकारी विभाग के पास मौजूद नहीं है। इसके अलावा श्री वैश्य की पत्नी श्रीमती बिन्दो देवी के नाम से रजिस्टर्ड फर्म मे. शिवम स्टोन प्रोडक्ट बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में अराजी संख्या-4949ख की 2.0 एकड़ भूमि पर 13 दिसंबर, 2010 से डोलो स्टोन का खनन एवं परिवहन कर रही है। शासन की ओर से उसे 12 दिसंबर, 2020 तक खनन करने का लाइसेंस मिला हुआ है। अगर जमीनी स्तर पर उक्त भूमि पर हुए डोलो स्टोन के खनन और उसके परिवहन के लिए जारी एमएम-11 परमिट पर हुए निकासी के मामलों की जांच की जाए तो इनमें भारी अनियमितताएं मिलेंगी।
सपा नेता और चोपन नगर पंचायत के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद के नाम से बर्दिया खनन क्षेत्र में अराजी संख्या-902, 903 और 941क की कुल 1.58 एकड़ भूमि पर मीरजापुर जनपद के चौकिया गांव निवासी अलगू सिंह के पुत्र अवधेश सिंह और वाराणसी जनपद के पांडेयपुर निवासी श्रीमती केशमनी देवी के साथ 13 दिसंबर, 2010 से डोलो स्टोन का खनन और परिवहन कर रहे हैं। इन सभी लोगों को 12 दिसंबर, 2020 तक उक्त भूमि पर खनन करने का अधिकार है। इसके अलावा सपा नेता इम्तियाज अहमद के भाई उष्मान अली के नाम से बर्दिया खनन क्षेत्र में ही अराजी संख्या-878क की 1.30 भूमि पर डोलो स्टोन के खनन पट्टा आबंटित है। उन्हें यह खनन पट्टा भी उक्त खनन पट्टे की अवधि के बराबर की अवधि तक के लिए मिला है। वहीं बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में ही अराजी संख्या-7364ख, 7365 और 7366 की 3 एकड़ भूमि पर चोपन नगर पंचायत अध्यक्ष अन्य लोगों के साथ मिलकर खनन कर रहे हैं। इसकी अवधि भी उपरोक्त अवधि के बराबर ही है।
बलिया के रसड़ा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक और बसपा नेता उमाशंकर सिंह की कंपनी सी.एस. इंफ्राकंस्ट्रक्शन लिमिटेड (छात्र शक्ति इंफ्राकंस्ट्रक्शन लिमिटेड) बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र के अराजी संख्या-6229ख की 1.50 एकड़ भूमि पर 13 मार्च, 2010 से डोलो स्टोन का खनन कर रही है। उत्तर प्रदेश की बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने रसड़ा विधायक की कंपनी को 12 मार्च, 2020 तक डोलो स्टोन के खनन और उसके परिवहन का अधिकार दे रखा है। इसके अलावा बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में ही अराजी संख्या-4478छ की 2.50 एकड़ भूमि पर विधायक उमाशंकर सिंह के नाम से डोलो स्टोन का एक अन्य खनन पट्टा है। इस खनन पट्टे की अवधि भी उक्त खनन पट्टे की अवधि के बराबर है। गौर करने वाली बात यह है कि बसपा विधायक उमाशंकर सिंह की कंपनी छात्र शक्ति इंफ्राकंस्ट्रक्शन लिमिटेड कंपनी ने बहुजन समाज पार्टी की पिछली सरकार में सोनभद्र में लोक निर्माण विभाग से होने वाले अधिकतर सड़क निर्माण के कार्य को अंजाम दिया है लेकिन वे सभी सड़क मार्ग बनने के दौरान ही उखड़ने लगे थे। ये बातें जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट में भी सामने आ चुकी हैं।
बसपा नेता और राबर्ट्सगंज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक सत्यनारायण जैसल की पत्नी श्रीमती मीरा जैसल सुकृत खनन क्षेत्र में अराजी संख्या-282मि. की 4.00 एकड़ भूमि पर 6 अगस्त, 2010 से सैंड स्टोन का खनन करवा रही हैं। बहुजन समाज पार्टी की पिछली सरकार ने उन्हें 5 अगस्त, 2020 तक इस भूमि पर खनन करने का अधिकार दे रखा है। हालांकि वहां खनन के दौरान सुरक्षा मानकों की जमकर अनदेखी की जा रही है। इतना ही नहीं एमएम-11 परमिट जारी करने की तुलना में खनन का दायरा बहुत ही कम है। हालांकि इसकी सही जानकारी जिला प्रशासन के पास भी नहीं है।
बसपा नेता और मिर्जापुर-भदोही लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व सांसद नरेंद्र कुशवाहा की पत्नी श्रीमती मालती देवी कोटा खनन क्षेत्र में सोन नदी से लगे अराजी संख्या-3984ग और 3984घ की 1.50 एकड़ भूमि पर बालू का खनन 23 जुलाई, 2011 से खनन करवा रही हैं। बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने उन्हें 22 जुलाई, 2014 तक बालू खनन और उसके परिवहन का लाइसेंस दे रखा है लेकिन सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर कोई ध्यान नहीं दिया। वर्तमान समाजवादी पार्टी की सरकार भी वैसा ही कर रही है। बता दें कि नरेंद्र कुशवाहा वेबसाइट ‘कोबरा पोस्ट.कॉम’ और हिंदी न्यूज चैनल ‘आज तक’ के संयुक्त स्टिंग ऑपरेशन ‘कैश फॉर क्वैरी’ में आरोपी हैं, जिसमें सांसदों द्वारा नोट लेकर प्रश्न पूछने का मामला सामने आया था।
इनके अलावा बसपा नेता और राजगढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक अनिल मौर्या के भतीजे संजीव कुमार मौर्या के नाम से सिंदुरिया खनन क्षेत्र में अराजी संख्या-240 के 1.30 हेक्टेयर भूमि पर बिल्ली-मारकुंडी निवासी श्रीमती बरमावती देवी के साथ डोलो स्टोन का खनन पट्टा है। वे इस पर 31 अक्टूबर, 2011 से खनन और उसके अवयवों का परिवहन कर रहे हैं। इस भूमि पर खनन की स्वीकृति 24 अक्टूबर, 2021 तक है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य राहुल श्रीवास्तव की पत्नी श्रीमती निरंजना श्रीवास्तव बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में अराजी संख्या-4478छ की 1.78 एकड़ भूमि पर 4 अक्टूबर, 2011 से डोलो स्टोन का खनन और उसके अवयवों का परिवहन करवा रही हैं। राज्य सरकार की ओर से उन्हें 3 अक्टूबर, 2021 तक ऐसा करने का अधिकार मिला हुआ है। श्रीमती श्रीवास्तव पूर्व में हिंदी दैनिक ‘स्वतंत्र भारत’ से मान्यता प्राप्त पत्रकार रह चुकी हैं। उनके पति राहुल श्रीवास्तव भी हिंदी दैनिक ‘हिंदुस्तान’ से मान्यता प्राप्त पत्रकार रह चुके हैं। वर्तमान में वह हिंदी दैनिक ‘जन संदेश टाइम्स’ के सोनभद्र ब्यूरो प्रमुख हैं। बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में श्रीवास्तव परिवार का स्टोन क्रशर प्लांट भी संचालित होता है।
खनन के क्षेत्र में लिप्त अन्य पत्रकारों की बात करें तो इस सूची में कई प्रतिष्ठित अखबारों के प्रतिनिधि शामिल हैं। ‘दैनिक जागरण’ समाचार-पत्र के पूर्व ओबरा प्रतिनिधि बशीर बेग ( अब देहांत हो चुका है) के नाम से बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में साबिक अराजी संख्या-1966 और हाल अराजी संख्या-4478छ की कुल 7.55 एकड़ भूमि पर डोलो स्टोन का खनन पट्टा 17 फरवरी, 2011 से 16 फरवरी, 2021 तक आबंटित है। स्व. बशीर बेग के बेटे दारा शिकोह का गैर-सरकारी संगठन मे. दारा सेवा समिति बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में ही अराजी संख्या-7577क की 1.70 एकड़ भूमि पर 17 मई, 2007 से डोलो स्टोन का खनन कर रहा है। यह संगठन 16 मई, 2017 तक उक्त भूमि पर खनन के कार्य को अंजाम दे सकता है। इसके अलावा स्व. बशीर बेग के भाई जावेद बेग का फर्म ‘दारा स्टोन वर्क्स’ बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में अराजी संख्या-1950 की 0.31 एकड़ भूमि पर डोलो स्टोन का खनन और परिवहन कर रहा है। इस खनन पट्टे का विस्तार 29 अक्टूबर, 2008 को हुआ जो इस साल की 5 नवंबर तक मान्य है। अगर इस खनन पट्टे के नाम पर जारी एमएम-11 परमिट के आयतन की गणना की जाए तो वह आबंटित खनन पट्टे के रकबे से कहीं ज्यादा होगी जो गैर-कानूनी है। इनके अलावा अन्य कई खनन पट्टा धारक हैं जो प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों के प्रतिनिधि बनकर इलाके में खनन के धंधे को अवैध रूप से अंजाम देते हैं।
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