ऐश रूपी राख रिहन्द जलाशय में धल्ले से बह रही है। |
अनपरा तापीय परियोजना की महत्वकाक्षी योजना अनपरा बेलवादह एेश पाईप लाईन के निर्माण कार्य को ग्रामीणों ने रोक दिया। जिससे अरबों की लागत से बन रहे अनेकों काम पूरी तरह से बंद रहे। इस दौरान परियोजना से निकालने वाले एेश का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। जिसके कारण फटी हुई पाईपों से ऐश रूपी राख रिहन्द जलाशय में धल्ले से बह रही है। काम अवरूद्ध होने के कारण कोई भी संविदा श्रमिक कार्य स्थल जाने को तैयार नहीं जिससे पाईपों में पैचिंग व मरम्मत का काम पुरी तरह ठप हो गया है। फटी हुई पाईपों से निकलती राख सीधे जलाशय में पहुच पानी को प्रदूषित कर रही है। वहीं अधिकारी मामले की जानकारी आधा अधिकारियों के अलावा प्रशासन के अधिकारियों को भी दे दिया है। जिस पर जल्द ही वार्ता कर एेश पाईप लाईन का काम शुरू कराया जायेगा।
ऐश रूपी राख रिहन्द जलाशय में धल्ले से बह रही है। |
विदित हो कि भूमि अधिग्रहण नीति के तहत बेलवादह ग्राम सभा की लगभग शतप्रतिशत लोगों की भूमि अधिग्रहित कर ली गयी थी। दशकों तक मुआबजा की बांट जोह रहे ग्रामीणों का आरोप है कि पाईप लाईन का काम शुरू होने के बाद उन्हें आस थी कि मुआबजा राशि मिल जायेगी, लेकिन 17२ परिवारों के नौकरी के मामले में परियोजना द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। जिससे क्षुब्ध ग्रामीणों ने बेलवादह में हो रहे अनपरा तापीय परियोजना के सारे काम को बंद करा दिया है। जबकि परियोजना 201—202 के दौरान ग्रामीणों को एक-एक लाख रूपये पाईप लाईन का कार्य शुरू करने के लिए दिया था। इसके बाद शुरू हुई अनपरा तापीय परियोजना के एेश डैम व अन्य कार्य दशकों से बेलवादह में निरंतर जारी है। 201—202 के दौरान दी गयी एक-एक लाख रूपये की राशि को परियोजना द्वारा नौकरी के बदले दिये गये राशि के रूप में दिखा दिया गया। इसी के बाद से परियोजना व बेलवादह के ग्रामीणों के बीच जंग जारी है। ग्रामीणों को आरोप है कि उस दौरान दी गयी राशि सिर्फ काम को शुरू कराने के लिए थी लेकिन परियोजना के अधिकारी वाहवाही में ऊर्जा भवन को पत्र लिख नौकरी के बदले की राशि में दर्ज करा दिया गया। जिससे गरीबों का हक मारा जा रहा है। पहले तो परियोजना द्वारा विस्थापितों को मुआबजा देने का विचार नहीं था काफी हो हल्ला व आन्दोलनों के बाद कोर्ट ने जो आदेश दिया था उसका भी पालन नहीं किया जा रहा है।
सूत्रों की माने तो पाईप लाईन का काम देख रहे अधिकारियों द्वारा शासन व प्रशासन को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराते हुए कार्यवाही की मांग कि है। सूत्रों की माने तो अधिकारियों द्वारा लिखे गये पत्र में इस बात का विस्तार से वर्णन है कि विस्थापित हुए परिवारों का सारा मुआबजा वितरित कर दिया गया है। बावजूद ग्रामीण आये दिन काम को अवरूद्ध कर परियोजना को करोड़ों का नुकसान पहुचा रहे है। सूत्रों की माने तो अधिकारियों ने पत्र में इस बात का वर्णन किया है कि कुछ ग्रामीणों के उकसाये जाने के कारण एेसा आये दिन होता है। जिस पर लगाम के लिए कठोर कार्यवाही की जाय। वहीं बेदवादह ग्राम सभा के प्रधान हरदेव सिंह व बालकेश्वर सिंह उर्फ बाके ने बताया कि ग्राम सभा की शतप्रतिशत भूमि राज्य विद्युत उत्पादन द्वारा अधिग्रहित कर ली गयी है। जिसमें से 17२ परिवारों को नौकरी को प्रावधान था। जिसे परियोजना द्वारा नहीं दिया गया है न ही परिवारों को नौकरी के बदले मुआबजा दिया जा रहा। पूर्व में पाईप लाईन का कार्य कराने के लिए कुछ राशि परियोजना द्वारा उपलब्ध करायी गयी थी। जिसे बाद में नौकरी के बदले दिया गया मुआबजा राशि घोषित कर दिया गया। मामला अभी कोर्ट में है परियोजना द्वारा मामले पर जो भी तर्क देने हो कोर्ट में दिया जा सकता है। दशकों से मुआबजा की बाट जोह रहे विस्थापित परिवारों को न तो पूरा मुआबजा दिया गया न ही प्लांट का आवंटन किया गया। जिससे आये दिन ग्रामीण काम में अवरोध डाल रहे। पाईप लाईन का काम बंद होने से जहां पाईप में लिक ेज व मरम्मत का काम पूरी तरह बंद है वहीं फटी हुई पाईपों से गिरता राख रूपी पानी सीधे रिहन्द जलाशय में पहुच पानी को प्रदूषित कर रहा है।
बोले अफसर...............
" पुरा मुआबजा मिलने के बाद भी ग्रामीणों द्वारा कार्य में अवरोध पैदा किया जा रहा है। महिनों से बद पड़े कार्य के कारण राज्य सरकार को करोड़ों का नुकसना हो चुका है, जब तक काम बंद रहेगा ये नुकसान भी बढ़ता रहेगा। देश हित में बनी रही अनपरा डी परियोजना के निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। अगर समय से निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया होता तो आज परियोजना से उत्पादन शुरू हो गया होता लेकिन आये दिन कार्य में अवरूद्ध के कारण जहां परियोजना का निर्माण कार्य पिछड़ रहा वहीं बिछायी जा रही एेश पाईप लाईन का काम ग्रामीणों द्वारा रोके जाने से इसका सीधा असर अनपरा डी परियोजना के निर्माण पर भी पड़ेगा और उत्पादन में देर लगेगी।"
एई, मजहर हुसैनअनपरा तापीय परियोजना
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