एक हजार मेगावाट की निर्माणाधीन अनपरा डी को चार्ज करने के लिए आपूर्ति की जा रही 765 केवीए की ट्रांसमिशन लाइन के कार्य को लेकर जारी गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। लगभग एक माह से जारी विवाद के कारण 765 केवी ट्रानमिशन लाईन का कार्य कई बार रोकना पड़ा है। शुक्रवार को एसडीएम की अध्यक्षता में विदेशी अतिथि गृह में चली घंटो वार्ता के बाद भी विवाद पर कोई सार्थक पहल नहीं निकल सकी एवं बैठक से विस्थापित प्रतिनिधि उठकर चलते बनें।
अनपरा सी से अनपरा डी को आपूर्ति हो रहे 765 केबी ट्रांसमिशन लाईन के कारण कई बार ग्रामीणों की जान जोखिम में पड़ चुकी है। बस्ती से होकर गुजर रही ट्रांसमिशन लाईन के कारण टावर के आस-पास के घरों में जहां झटके लगते रहे थे। वहीं ट्रांसमिशन लाईन के जद में आने वाले एक पिपल का वृक्ष भी पुरी तरह झुलस गया था। जिसे बाद मे प्रशासन की सहायता से कटवाया लेकिन इस सब के बावजूद भी ग्रामीणों को कुछ खास लाभ नहीं मिला। अंत में ग्रामीणों ने टावर की ऊचाई बढ़ा रहे ट्रांसमिशन के अधिकारियों को कार्य करने से रोक दिया एवं अन्य मार्ग से बिजली आपूर्ति करने की बात कहीं थी। बाद में कई वार्ता के बाद इस बात पर सहमति बनी कि ट्रांसमिशन लाईन के जद मे आने वाले परिवारों को पुर्नवास का लाभ देकर अन्य स्थान पर बसाया जायेगा। शुक्रवार को एसडीएम की मौजूदगी में ट्रांसमिशन लाईन के जद में आने वाले परिवारों को चिंहित किया गया। इसके बाद देर शांय विदेशी अतिथि गृह में एसडीएम अभय पाण्डेय, अनपरा तापीय परियोजना से अभियंता रविशंकर राजीव, ट्रांसमिशन के अधिकारी राहुल आेझा के साथ विस्थापितों की घंटो चली बैठक में समस्या का समाधान निकालने का प्रयास किया गया लेकिन इस पर किसी प्रकार की सहमति नहीं बन सकी। बैठक में कई बिन्दूआें पर बारिक ी से चर्चा हुई। आखिर में विस्थापित प्रतिनिधि सार्थक हल न निकलता देख बैठक से उठकर चले गये। विस्थापित प्रतिनिधियों ने साफ और सीधे शब्दों में अधिकारियों को अवगत कराया दिया कि जबतक प्रभावित परिवारों को पुर्नवास का लाभ नहीं दिया जाता। ट्रांसमिशन लाईन का कार्य पूरी तरह बंद होना चाहिए। इस अवसर पर पंकज मिश्रा, बालकेश्वर सिंह, रामचन्दर जायसवाल के साथ भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहें।
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