गुरुवार, 14 अगस्त 2014

प्रदूषण के मामले में हाई कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं कर रहा लैंको

:— अनपरा के ग्रामीण का लैंको पर कभी फुट सकता है गुस्सा 

कुछ इस कदर उड़ाया जा रहा है लैंको से कोयले व राख की धुल।
बिजली परियोजनाआें में रोजाना जलने वाले हजारों टन कोयला से जहां देश रोशन हो रहा है वहीं बिजली परियोजनाआें द्वारा फैलाये जा रहे अंधाधुन कोयले का चूर्ण व राख मानव जीवन के लिए अभिषाप बनने लगा है। प्रदूषण की मार से प्रभावित ग्रामीण समस्याआें के रोकथाम के लिए आलाधिकारियों के पास चक्कर काटने को मजबूर है। बावजूद प्रदूषण पर रोक की पहल नहीं हो पा रही है। प्रदूषण की मार से प्रभावित ग्रामीण अब हाई कोर्ट के बाद सर्वोंच्च न्यायालय के दरवाजे पर दस्तक देकर निजात के लिए गुहार लगायेगें। 

कुछ इस कदर उड़ाया जा रहा है लैंको से कोयले व राख की धुल।
दशकों पूर्व निर्मित हुई अनपरा तापीय परियोजना की अ व ब इकाई से विद्युत उत्पादन जहां बड़े पैमाने पर किया जा रहा है वहीं प्रदूषण के मामले में अन्य परियोजनाआें से बेहतर शाबित हो रही है। जिससे आस-पास के ग्रामीणों द्वारा कभी विरोध भी नहीं झेलना पड़ा लेकिन कुछ ही वर्ष पूर्व निर्मित लैंको परियोजना ने प्रदूषण फैलाने के मामले में सभी को पिछे छोड़ दिया है। रेल परिवहन के द्वारा परियोजना में जब कोयला अनलोडिंग किया जाता है तो उससे उडऩे वाली कोयले की राख पूरे वातावरण में बादल की तरह छा जाती है जिससे परियोजना के पास स्थित अनपरा गांव व अनपरा बाजार कोयले के इस बादल में कहीं गुम सा हो जा रहे है। परियोजना द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण से प्रभावित ग्रामीण व व्यवसायी जहरीले वातावरण में रहने को बाध्य है। लैंको द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण से प्रभावित विद्युत संविदा मजदूर संघ के जिला मंत्री सतीश सिंह एवं प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, मोतीचन्द यादव द्वारा उच्चतम न्यायालय मे जनहित याचिका दायर किया था जिस पर सुनवाई करते हुए उच्च्तम न्यायालय ने प्रदूषण के रोक थाम क े लिए अध्यक्ष व सचिव उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ को आदेश भी दिया था लेकिन चार माह बित जाने के बाद भी न तो परियोजना द्वारा सार्थक पहल की गयी नहीं ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गम्भीरता दिखायी। जिससे अनपरा गांव के ग्रामीणो व व्यवसायी में काफी आक्रोश व्याप्त है। सैकड़ो लोग पलायन के लिए मजबूर हो रहे है। 

सत्याग्रह आन्दोलन 
वहीं इस मामले को लेकर ऊर्जांचल में सत्याग्रह आन्दोलन क रने वाले गैर सरकारी संगठन सहयोग के सचिव पंकज मिश्रा ने पूरे मामले को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन व वन्य पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार को रिर्पोंट सौपकर देश के दूसरे सबसे प्रदूषित जगह होने की जानकारी तथ्यों के साथ दी। अनपरा गांव निवासी सुदर्शन सिंह, इन्द्रजीत सिंह, जलील हासमी, मनोज कुमार ङ्क्षसह, सुभाष यादव व अवधेश यादव ने परियोजना द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण पर गम्भीरता से कदम उठाये जाने की मांग है। साथ ही कहा कि परियोजना द्वारा प्रदूषण पर रोक के लिए सार्थक कदम नहीं उठाये गये तो ग्रामीण लमबंद होकर लैंको परियोजना के मुख्य द्वार पर विरोध प्रदर्शन करेगें।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें