नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल के आदेश पर क्षेत्र में शुद्ध पेयजल आपूर्ति योजना से मूल गांव परसवार चौबे वंचित होता नजर आ रहा है। जिला प्रशासन द्वारा तय केंद्रों में आरआे सिस्टम लगाने के लिए अभी तक इस गांव को चिन्हित नहीं किया गया है। एनटीपीसी सिंगरौली विद्युत गृह को प्रशासन द्वारा मिले छह केंद्रों में से चार जगहों पर ग्राम चिल्काटांड, परसवार राजा है। देश के प्रथम पंचवर्षीय योजना के तहत निर्मित रिहन्द जलाशय से विस्थापित किये गये ग्राम परसवार चौबे निवासी प्रारम्भ से ही दुर्भाग्यशाली रहे है। इस गांव की सारी कृषि जमीनें रिहन्द डूब जाने से क्षेत्र में कृषि उत्पादन न के बराबर है। बची हुई भूमि को सिंगरौली विद्युत गृह निर्माण के लिए अधिग्रहित कर ली गयी। खोड़वा पहाड़ के ठीक नीचे आबाद इस गांव में खाने के साथ—साथ पीने के पानी की शुरू से ही भारी समस्या रही है। एनजीटी के आदेश पर गांव—गांव में लग रहे आरआे सिस्टम से गांववासियों की उम्मीद बंधी परन्तु अभी तक आरआे सिस्टम लगाने हेतु इस गांव में किसी स्थान को चिन्हित नहीं किया गया। जिससे लोग मायूस है। एनटीपीसी के सीएसआर$ प्रभारी ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा प्राप्त लोकेशन पर ही आरआे सिस्टम लगाकर शुद्ध पेय जल व्यवस्था करनी है जबकि ग्राम परसवार राजा एवं परसवार चौबे नाम से भ्रमित उपजिलाधिकारी ने क्षेत्र का दौरा कर आरआे लगाने हेतु कार्यवाही की बात कही है।
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