सोमवार, 18 फ़रवरी 2013

करोड़ों खर्च के बाद भी समस्याएं जस की तस: नगर पंचायत ओबरा


नगर के विकास के मद में नगर पंचायत प्रबंधन द्वारा पिछले वर्षों में करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया, लेकिन नगर में मूलभूत समस्याएं आज भी जस की तस बनी हैं। राजनीतिक गोटी सेकने की आड़ में मुख्य बाजारों सहित अन्य बस्तियों में नालों पर हुए अतिक्रमण से पानी निकासी बड़ी समस्या बनी हुई है। नगर पंचायत कर्मचारियों की शिथिलता के कारण साफ सफाई की व्यवस्था नदारत है। 

नगर पंचायत क्षेत्र में जगह-जगह कूड़ों का अंबार बारिश के पानी के साथ सड़कर बजबजाने का दृष्य आम है। हालांकि नगर पंचायत क्षेत्र का दो तिहाई हिस्सा परियोजना कालोनी के अंतर्गत आता है, जिसकी साफ सफाई एवं जल निकासी की व्यवस्था सिविल प्रबंधन द्वारा समय समय पर दिया जाता रहा है। लेकिन सिर्फ एक तिहाई हिस्से में बसे वीआईपी रोड, चोपन रोड, चूड़ीगली, सिनेमा रोड, राम मंदिर कालोनी एवं झुग्गी झोपड़ियों का हाल आज भी बेहाल बना हुआ है। 

सबसे ज्यादा वीआईपी रोड व चोपन रोड पर स्थित नगर का सिविल लाइन का दर्जा प्राप्त कर चुका हनुमान मंदिर तिराहे से सभी बाजारों में नालों पर अतिक्रमण किए जाने से नालों की सफाई नहीं हो पा रही है। जिससे पहली ही बारिश में नाले उफान मारकर व्यवसायियों के प्रतिष्ठानों एवं घरों में नाले का गंदा पानी घुस जाना हर वर्ष की समस्या है। जिसे लेकर व्यवसायी कई बार हलाकान भी हो चुके है। 

इसके अलावा नगर की सबसे बड़ी समस्या पेयजल की किल्लत है। कई हैंड पाइपों के खराब होने की स्थिति में आज भी टैंकरों से पानी सप्लाई किया जा रहा है। हालांकि प्रकाश की व्यवस्था कालोनी क्षेत्र के अपेक्षा अन्य क्षेत्रों में नाकाफी है। लेकिन यह समस्या उतनी बड़ी नहीं है, जितनी पेयजल व अतिक्रमण तथा साफ सफाई का है। 
वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष दुर्गावती देवी ने कहा कि नगर की समस्याओं से हम भलीभांति अवगत हैं। नगर की साफ-सफाई, पेयजल के लिए टंकी निर्माण व अन्य जटिल समस्याओं को दूर करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। चूंकि नालों की साफ सफाई पिछले कई वर्षों से नहीं हुई हैं, जिससे नालों से बारिश के पानी का निकासी नहीं हो पा रही है। व्यवसायियों को विश्वास में लेकर नालों की सफाई का काम जल्द कराया जाएगा।

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