बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

शक्तिनगर से वाराणसी के लिए सीधे ट्रेन न मिलने से उर्जान्चलवासी निराष


साल भर से चल रहे आंदोलनों प्रयासों के बावजूद नतीजा रहा सिफर

रेल मंत्री पवन बंसल ने पूरे देश में 67 एक्सप्रेस ट्रेन, 27 पैसेंजर सहित कुल 93 नई ट्रेनें चलाई लेकिन ऊर्जांचल सहित पूरे जनपद के खाते में एक भी ट्रेन नहीं आई। शक्तिनगर से वाराणसी के लिए सीधे ट्रेन घोषणा का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे लेकिन उनकी इस हसरत पर भी मौजूदा रेल बजट में पानी फिर गया। रेल बजट में अपने क्षेत्र का नाम देखने के लिए लोग दिन भर टीवी से चिपके रहे। लेकिन अपने क्षेत्र के लिए कुछ नया न होने पर काफी मायूस रहे। ऐसे में रेल सुविधाओं के लिए लगातार आंदोलनरत ऊर्जांचल के लोग काफी मायूस हैं।

पंकज मिश्रा
क्षेत्र के लोग पिछले एक साल से शक्तिनगर से वाराणसी तक सीधी ट्रेन के लिए कई बार आंदोलन किया। बावजूद बजट में कुछ नहीं मिला। ऊर्जांचलवासियों के लिए यह बजट पूरी तरह से फ्लाप रहा। पंकज मिश्रा, कांग्रेस नेता। 

हरदेव सिंह
ऊर्जांचल में रेलवे पटरियों का दोहरीकरण की बात कही जा रही थी लेकिन सिंगल पथ का भी विस्तार नहीं किया गया। ऐसे में यहां के लोगों में बजट को लेकर भारी हताशा है। हरदेव सिंह, ग्राम प्रधान-बेलवादह।

सुनील सिंह यादव
रेल मंत्री को मिर्चाधूरी रेलवे स्टेशन के फाटक को खोलने से लेकर भारी राजस्व देने वाले ऊर्जांचल क्षेत्र में रेलवे के विस्तार के लिए कई बार पत्र लिखा लेकिन बजट में नतीजा सिफर रहा। अब इसके लिए आंदोलन का सहारा लिया जाएगा। सुनील सिंह यादव, विधायक, ओबरा।

विजय कुमार सिंह
रेलवे मंत्री ने बड़ी चतुराई से फ्यूल सरचार्ज के नाम पर रेलवे टिकट और मालभाड़े का भार आम आदमी पर डाल दिया है। जो महंगाई में बढ़ोत्तरी करने में सहायक सिद्ध होगा।  विजय कुमार सिंह (मैनेजर, एलगी)।

अषोक यादव
रेल मंत्री ने किराया सीधे तौर पर नहीं बढ़ाया है लेकिन ईंधन के नाम पर माल भाड़ा आदि बढ़ने से सामनों की ढुलाई और महंगी होगी। जिसका खामियाजा आमजन को ही भुगतना पड़ेगा।  अषोक यादव (व्यापारी)

शक्ति आनन्द
ऊर्जांचल से देश रोशन होता है लेकिन रेल सुविधा का घोर अभाव सभी के लिए कष्टदायक है। बजट से लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। परियोजना होने के चलते यहां रेल पथ का और विस्तार होना जरूरी था, जिन बुनियादी सुविधाओं की दरकार थी उसमें से कुछ भी नहीं मिला। रेल मंत्री ने युवाओं को वाई-फाई का झुनझुना पकड़ा कर तसल्ली देने का काम किया है, ट्रेनों में वाई-फाई के जगह जरूरी सुविधाओं को दुरुस्त करने का काम किया जाना आवश्यक था। गंदे कोच और बदबूदार शौचालय भारतीय रेल की पहचान बनती जा रही है। शक्ति आनन्द, ग्राम पंचायत सदस्य-औड़ी। 

चुन्नू तिवारी
रेल बजट हर तबके को निराश करने वाली है। लोगों को मंत्री से बहुत अपेक्षाएं थी लेकिन वह खरे नहीं उतरे। नौकरी और कुछ ट्रेनों में वाई- फाई की सुविधा देकर युवाओं को लुभाने का प्रयास जरूर किया गया है। चुन्नू तिवारी, भाजपा नेता। 

अजय प्रकाष पाण्डेय
आशा के विपरीत बजट सबकुछ आशा के विपरीत हुआ है। लेकिन राहत इस बात की है कि आम लोगों और खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए चार सौ स्टेशनों पर लिफ्ट की सुविधा दिए जाने की बात कही गई है। अजय प्रकाष पाण्डेय, ग्राम प्रधान-रणहोर।

जगदीष बैसवार
बुजुर्गों को बड़ी उम्मीद थी की उनके टिकटों में 30 से पचास प्रतिशत की रियायत मिलेगी लेकिन इस मामले में उनके हक में कुछ नहीं किया गया। बजट में बुजुर्गों की उपेक्षा की गई है। जगदीष बैसवार, पूर्व जिला पंचायत सदस्य-अनपरा। 

बालकेष्वर सिंह
इस बजट में कई प्रकार की निराशा जनक तथ्य है। पहला अनपरा सहित पूरे ऊर्जांचल में कोई नई सुविधा नहीं दी गई। दूसरा आम आदमी को कोई विशेष सहूलियत भी नहीं मिली है। बालकेष्वर सिंह, जिला पंचायत सदस्य-कुलडोमरी। 

अवधेष शुक्ला
रेल मंत्री से ऊर्जांचल में रेल सुविधा को बेहतर करने की बड़ी उम्मीद थी लेकिन बजट में इलाके को कोई तरजीह नहीं दी गई। इससे लोगों में नाराजगी है। थोड़ी उम्मीद इस बात से है कि डेढ़ लाख लोगों को नौकरी देने का ऐलान किया गया है। अवधेष शुक्ला, एडवोकेट। 

सुभाष चन्द्र
रेल मंत्री की बजट ने लोगों के सपने टूटे हैं। आम आदमी के लिए बजट में कुछ भी खास नहीं है। ई-टिकट का समय 23 घंटे करके थोड़ी सी राहत देने की कोशिश की गई है। सुभाष चन्द्र, क्षेत्र पंचायत सदस्य-औड़ी। 

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