शनिवार, 23 फ़रवरी 2013

वनाधिकार का लाभ नहीं मिल रहा


ऽ तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन की तैयारी
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वनाधिकार कानून के तहत धारा 20 पर काबिज लोगों को भौमिक अधिकार देने की मंशा पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। वनाधिकार समितियों के पास फिर से फाइल को पटक दिए जाने से लोगों की धुकधुकी बढ़ गई है। दावेदार इसके तहत आंदोलन की रणनीति पर भी विचार कर रहे हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर दावे की फाइलें आने से एक बार फिर दावेदार हैरान हो गए हैं। उपजिलाधिकारी ने दावों को पूर्ण कर पुनः भेजने की बात कही है। 

वन भूमि धारा 20 से आच्छादित जमीनों पर काबिज लोगों को औद्यौगिक अधिकार देने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर वनाधिकार समितियों का गठन करके काबिज लोगों को अधिकार दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान काबिज लोगों के अलावा धारा 20 की ऐसी जमीनों पर भी लोगों ने दावा कर दिया, जो जंगल था। इसके अलावा बड़े पैमाने पर जंगलों का सफाया करके भी लोगों ने दावा कर दिया। इससे हट कर कई ऐसे लोगों ने भी दावा किया, जो धारा 20 पर काबिज है और उसका बाग, बगीचा, खेत आदि भी उसमें सम्मिलित हैं। समितियों ने लोगों के दावे को लेकर उपखंडीय समिति के सामने प्रस्तुत कर दिया। उपजिलाधिकारी ने कहा कि जो दावे ग्राम समितियों ने निरस्त कर दिए थे, उनको तहसील तक आने की जरूरत ही नहीं थी।

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