मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

पुलिसिया कार्रवाई के आदि बन चुके हैं गरीब आदिवासी तबके के लोग


आबकारी अधीक्षक सोनभद्र के दिषा निर्देषन पर चलाये जा रहे अवैध मादक पदार्थों की बिक्री के रोकथाम के लिए एक सूत्रीय अभियान इस अवैध धंधे में लिप्त लोगों के लिए पुलिसिया कार्रवाई के आदि बन जाने का एक मिषाल खड़ा कर रहा है। प्रषासन द्वारा सारे हथकंडे अपनाये जाने के बावजूद भी आज तक इस जुर्म पर रोक नहीं लगाया जा सका। कार्रवाई तो होती है परन्तु दूसरे दिन से जमानत पर छूट कर आये अपराधियों द्वारा फिर उसी धन्धे में उतर जाना रोज की दिनचर्या बन चुकी है, क्या इस जुर्म को विभाग रोक पायी है, हर महीने छापेमारी के दौरान सैकड़ों कुंतल लहन और शराब नष्ट करने के बाद विभाग वापस चली जाती है परन्तु षाम होते-होते फिर से षराब की विक्री षुरू हो जाती है, विभाग कार्रवाई तो करती है लेकिन जिला प्रषासन द्वारा इनके निजी जिन्दगी के विषय में आज तक किसी ने झाकने की कोषिष नहीं की कि यह सब करने के पीछे क्या कारण है। 

अगर इनके बारे में जानकारी करना है तो इनके करीब जाकर देखिए सब कुछ लोगों के सामने होगा, इनमें से कुछ ऐसे हैं जो विस्थापितों घराने से ताल्लूकात रखते हैं, कोई धन्धा न होने के कारण एक मात्र यही इनके जीविकोपार्जन का प्रमुख स्रोत बना हुआ है। इनके निजी जिन्दगी में शासन द्वारा सुधार लाने की बजाय प्रषासन संविधान की धाराओं से अवगत कराकर एक बड़े अपराधी बनने का प्रमाण पत्र दे देती है, पुलिसिया कार्रवाई के आदि बन जाने के कारण परिवार को जीवित रखने के लिए इस गर्त में घुसते चले जाते हैं। देष को करोड़ों रूपये का राजस्व उपलब्ध कराने वाला यह परिक्षेत्र, जिसने रोषनी से लेकर खान सम्बंधित भारी मात्रा में राजस्व देष को उपलब्ध कराकर अपनेआप को गौर्ववान्वित महसूस कर रहा है एवं जिनके जमीन पर इतने बड़े उर्जा घर को खड़ा किया गया, आज वहीं मुजरिम बनकर या तो पुलिसिया कार्रवाई के आदि बन चुके हैं या फिर पेट की भूख से कैद होकर लोगों से मदद की गुहार लगा रहे हैं। विगत चार माह पूर्व आबकारी विभाग द्वारा इसी परिक्षेत्र में छापेमारी की गयी, छापेमारी के दौरान सूत्रों से पता लगा कि एक दलित महिला के घर में घुस कर तोड़-फोड़ कर कीमती सामानों को उठा ले गये। अभियुक्त राजकुमार के उपर धारा लगाकर पुलिस खोजबीन में जुटी थी, पुलिस के मुताबिक राजकुमार फरार चल रहा था, परन्तु घटना के वक्त राजकुमार अस्वस्थ्यता के कारण एक निजी अस्पताल में भर्ती चल रहा था। सदमें में आयी उसकी पत्नी विक्षिप्त होकर घुम रही है, लेकिन उसका सुध लेने वाला कोई नहीं है। यदि समय रहते इन गरीबों के उपर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले भविष्य में अभियुक्त राजकुमार के पत्नी की तरह हो सकता है अनगिनत भुक्तभोगी महिलायें विक्षिप्त होकर घुमती नजर आयेंगी।

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