ऽ हर दिन एक मौत, फिर भी प्रशासन मौन
गरीबी, बेरोजगारी, जिम्मेदारी और लाचारी से बेहाल विंध्य क्षेत्र के आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में है। लाल किले पर अपनी अनोखी लोकनृत्य कला ’करमा’, ‘झूमर’ आदि का लोहा मनवा चुके आदिवासियों की मौत का कूआँ बन चुकी पत्थर की खदानों में दम तोड़ रही है। विंध्य पर्वत श्रृंखला की गोद में आबाद सोनभद्र, मिर्जापुर, चन्दौली और सिंगरौली (मध्य प्रदेश) जनपद की पत्थर की खदानों में हर दिन एक व्यक्ति की औसत दर से मौत हो रही है। मरने वालों में अधिकतर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के होते है। उत्तर प्रदेश के आदिवासी बहुल जनपद सोनभद्र में ही आदिवासियों एवं परंपरागत वन निवासियों के आकड़े चैकाने वाले है। इस पिछड़े एवं अति नक्सल प्रभावित जनपद के खनन क्षेत्रों में हर माह एक दर्जन की औसत दर से आदिवासियों एवं परंपरागत वन निवासियों की मौत हो रही हैं। अगर इन आकड़ों में दलितों और मजलूमों की मौत की संख्या जोड़ दें तो खनन क्षेत्र में ही मौतों का आकड़ा हर दिन एक व्यक्ति की मौत के आकड़े को पार कर जाएगा ।
सिर्फ मीडिया रिपोर्टों की बात करें तो सोनभद्र के विभिन्न खनन क्षेत्रों में साल में एक सप्ताह के दौरान आधा दर्जन लोग काल के गाल में समा चुके होते है। विदित कुछ साल पहले ओबरा थाना क्षेत्र के रासपहाड़ी स्थित एक अवैध पत्थर की खदान में टीपर पलट गया, इस घटना में 24 वर्षीय टीपर चालक की मौत हो गई। उसी दिन चोपन थाना अन्तर्गत डाला स्थित पत्थर की एक खदान में दो दिन पूर्व घायल हुए 27 वर्षीय मजदूर की भी मौत हो गई, वह राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के रघुनाथपुर का निवासी था। ओबरा थाना अन्तर्गत बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र की एक पत्थर की खदान में काम करते समय एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया, उसे खदान संचालक घायल अवस्था में लेकर गायब हो गए। भदोही जनपद के कपसेठी निवासी 42 वर्षीय पेटी ठेकेदार डाला पुलिस चैकी क्षेत्र के काशी मोड़ स्थित खनन क्षेत्र की पहाड़ी पर पैर फिसल गया और वह मौत का कूआं बन चुकी पत्थर की खदान में गिर गया, इससे उसकी मौत हो गयी। मध्य प्रदेश के बैढ़न थाना अन्तर्गत पवर गांव निवासी 30 वर्षीय एक व्यक्ति ट्रक पर खलासी का काम करता था। वह ट्रक के साथ डाला खनन क्षेत्र स्थित एक क्रशर प्लांट में गिट्टी लोड करने गया। ट्रक के डाला में सोते समय उसके ऊपर पोकलैन से गिट्टी लोड कर दी गई। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। खनन क्षेत्र में ताबड़तोड़ हुई मौतों के बाद भी अवैध खदान संचालकों के प्रति जिला प्रशासन का रवैया उदासीन बना हुआ है।
जिला प्रशासन की इसी रवैये के कारण पूर्व में भी कई मौतें हो चुकी है। ओबरा थाना अन्तर्गत बिल्ली- मारकुंडी खनन क्षेत्र में 11,000 वाट के विद्युत तार की चपेट में आकर एक मजदूर की मौत हो गयी। मिर्जापुर के लालगंज थाना अन्तर्गत पंतनगर निवासी ट्रैक्टर चालक राबर्ट्ससगंज कोतवाली क्षेत्र के सकृत खनन क्षेत्र में बोल्डर लदे ट्रैक्टर को लेकर गन्तव्य को जा रहा था। अचानक ट्रैक्टर-ट्राली बेकाबू होकर एक पत्थर की खदान में पलट गया, इसमें चालक की मौत हो गयी। दुद्धी कोतवाली अन्तर्गत रन्नो गांव निवासी 32 वर्षीय मजदूर चोपन थाना क्षेत्र के बारी स्थित एक पत्थर की खदान में ड्रिलिंग का काम कर रहा था। अचानक एक बड़ा पत्थर उसके ऊपर गिर गया जिससे उसकी मौत हो गयी। ओबरा थाना अन्तर्गत बैरपुर निवासी 30 वर्षीय मजदूर और राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के खैराही गांव निवासी अपने कुनबे का खर्च चलाने के लिए मौत का कूआं बन चुकी पत्थर की खदान में काम करने बिल्ली-मारकंडी खनन क्षेत्र में गया। बिल्ली-मारकुंडी स्थित एक पत्थर की खदान में वह अपने भाई के साथ काम कर रहा था। अचानक दोनों पैलोडर की चपेट में आ गए, दोनों की मौके पर ही मौत हो गयी। घोरावल थाना क्षेत्र के मझली-हिनौती गांव निवासी अपने माता पिता के बुढ़ापे का सहारा 24 वर्षीय पुत्र अमिलौधा गांव स्थित एक अवैध मोरम की खदान में भगवान को प्यारा हो गया। उसके ऊपर मोरम का ढुहा गिर गया और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। चोपन थाना क्षेत्र के पटवध गांव के पास बोल्डर लदा ट्रैक्टर-ट्राली पलट गयी। इस दुर्घटना में भटवा टोला निवासी 20 वर्षीय युवक की मौत हो गयी। अन्य दो मजदूर भी गम्भीर रूप से घायल हो गये। पन्नूगंज थाना अन्तर्गत किरहुलिया ग्राम सभा के कटरी टोला निवासी दो सगे भाइयों समेत एक और व्यक्ति कटरी टोला के पास जंगल वन विभाग की जमीन पर बन रहे चेकडैम में खुदाई करते समय उनके ऊपर मिट्टी का टीला गिर गया, इससे उनकी मौत हो गयी। डाला पुलिस चैकी क्षेत्र के बारी स्थित एक अवैध पत्थर की खदान में ट्रैक्टर-ट्राली पलटने से ट्रैक्टर चालक की मौत हो गयी। इस घटना के कुछ दिनों पहले बारी खनन क्षेत्र के ही अन्य पत्थर की खदान पत्थर का टीला गिरने से दो मजदूरों की भी मौत हुई थी। डाला पुलिस चैकी क्षेत्र के ही काशी मोड़ स्थित एक अवैध पत्थर की खदान में पत्थर की टीला गिरने से पन्नूगंज थाना क्षेत्र के दिनारे गांव निवासी व चोपन थाना अन्तर्गत मारकुंडी ग्राम सभा के कुशहिया टोला निवासी की मौत हो गयी। साथ ही अन्य पांच मजदूर गम्भीर रूप से घायल हो गये।
इस हादसा के पूर्व भी चालू वर्ष में अवैध पत्थर की खदानों में दर्जनों दुर्घटनाएं हुई हैं जिसमें सैकड़ों मजदूरों के सांस की डोर टूट गयी। काशी मोड़ स्थित पत्थर की खदान में हुआ विस्फोट इनमें से प्रमुख घटना है जिसमें तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गयी और दर्जनों मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गये थे। इस घटना के कुछ दिनों पूर्व ही बारी स्थित पत्थर की एक खदान में संदिग्धावस्था में महिला का शव मिला था। इसके अतिरिक्त बारी स्थित स्टोन क्रशर प्लांट के डग में ट्रैक्टर-ट्राली पलटने से मुस्लिम युवक की मौत, कोठा टोला स्थित क्रशर प्लांट के डग की दीवार ढहने से तीन मजदूरों की मौत, काशी मोड़ स्थित की खदान में ट्रैक्टर-ट्राली पलटने से चालक की मौत हो गई।
इस सरीखी दर्जनों घटनाएं खनन क्षेत्र में घट चुकी हैं। ये वे घटनाएं हैं जो मीडिया के माध्यम से आम जन तक पहुंची। इसके अलावा खनन क्षेत्र में अन्य सैकड़ों मौतें होती है जिनका पता मीडिया प्रतिनिधियों को नहीं हो पाता है। कुछ का पता हो भी पाता है तो पुलिस इन मौतों का अन्य कारण बताकर मामले को रफा-दफा कर देती है। भ्रष्टाचार के आंकठ में डूबे जिला प्रशासन की उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की वादा खिलाफी ने मजदूरों में भय पैदा कर दिया है । एक के बाद एक हो रही आदिवासियों समेत मजलूमों की मौतों की सच्चाई कोई भी बोलने को तैयार नहीं है
(घटनाओं में मृतकों के नाम नहीं दर्षाये गये है। )
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें