ऽ झोलाछाप चिकित्सकों पर नहीं हो रही कार्रवाई
ऽ मुख्यालय पर नीम-हकीमों की भरमार
ऽ स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई में हीलाहवाली कर रहा
ऽ राबर्ट्सगंज में सजी जड़ी बूटी की दुकान।
जनपद-सोनभद्र में लगातार झोलाछाप चिकित्सकों की लापरवाही से हो रही मौतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नीम-हकीमों के ऊपर कार्रवाई करने में हीलाहवाली कर रहे हैं। राबर्ट्सगंज नगर में नीम हकीमों द्वारा अस्थायी कैंप लगा कर विभिन्न रोगों की दवाइयां खुलेआम बेची जा रही हैं। बावजूद इसके संबंधित अधिकारियों की उनके ऊपर नजर नही पड़ रही है। बता दें कि एक दशक में जिले में छोलाछाप चिकित्सकों, वैद्यों एवं शोखाओं के झांसे में आकर करीब सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। विगत वर्षो में झोलाछाप चिकित्सक एवं ओझाओं के चक्कर में म्योरपुर विकास खंड के डडिहरा, सोढ़ा के अलावा रेणुका पार के भाठ इलाकों में दर्जन भर से अधिक लोग काल के गाल में समा गए। लगातार मौत होेने से जिला प्रशासन हिल गया था। स्वास्थ्य टीमों को कई दिनों तक गांवों में कैंप करना पड़ा था। सीएमओ डा. जीके कुरील के निर्देश पर एक अधिकारी ने कुछ झोलाछाप चिकित्सकों के ऊपर मुकदमा भी दर्ज कराया है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेजा। अधिकारियों द्वारा दक्षिणांचल में लगातार घर बैठे वैद्य बने लोगों एवं प्राइवेट चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है लेकिन दूसरे प्रांत से नीम-हकीम आकर मुख्यालय पर कैंप लगाकर लाउड स्पीकर से प्रचार कर सांडा के तेल समेत अन्य दवाइयां खुलेआम बेेच रहे हैं। नीम-हकीमों के पास दवा लेने वालों की भीड़ लग रही है। बावजूद इसके इन महानुभावों के ऊपर संबंधित अधिकारियों की नजर नही पड़ रही है।
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